UP Election 2022: हिजाब को लेकर धमकी शुरू, सपा नेता के विवादित बोल- काट डालेंगे हाथ

अलीगढ़ में सपा नेता और महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम ने हिजाब मामले पर विवादित बयान दिया है. रुबीना खानम ने कहा कि हिजाब पर हाथ डालने वालों का हाथ काट देंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 12, 2022 2:34 PM

UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों में हिजाब पर शुरू हुआ विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है. मामले को लेकर प्रदेश में भी विरोध और समर्थन का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बीच अलीगढ़ में सपा नेता और महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम (Rubina Khanam) ने हिजाब मामले पर विवादित बयान दिया है. रुबीना खानम ने कहा कि हिजाब पर हाथ डालने वालों का हाथ काट देंगे.

हिजाब को लेकर सपा नेता का विवादित बयान

रुबीना खानम का कहना है कि भारत किसी एक संस्कृति का देश नहीं है. बल्कि यह विविधताओं का देश है. घूंघट हो या हिजाब, सभी संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर राजनीति करना नीचता की पराकाष्ठा है. उन्होंने एक बड़ा विवादित बयान देते हुए कहा कि, सरकार चाहे किसी भी दल की हो. अगर बहन-बेटियों के आत्मसम्मान पर हाथ डालेंगे तो हम झांसी की रानी और रजिया सुल्तान बनकर उनके हाथ काट डालेंगे.

हिजाब विवाद पर उमा भारती ने दी नेताओं को सलाह

इधर, भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने राजनीतिक दलों को कर्नाटक के हिजाब विवाद पर बोलने से परहेज करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि मामले पर एक साजिश के तहत बयानबाजी कर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कोड की जो बात है उसमें समाज के सभी घटकों के साथ पहले विचार-विमर्श होगा, उसके बाद ही जब विचार होगा तो उस दिशा में आगे बढ़ेंगे.

हिजाब मामले में कोर्ट ने क्या कहा

कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों में हिजाब के मामले में पर गुरुवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय की बेंच ने आगे की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी. साथ ही अगले निर्देश तक छात्रों द्वारा धार्मिक चीजों को पहनकर कॉलेज आने पर रोक लगा दी है.

क्या है हिजाब विवाद का मामला

दरअसल, कर्नाटक के उडुपी में एक सरकारी कॉलेज में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर स्कूल पहुंची तो, स्कूल में उनके पहनावे का विरोध किया गया. छात्राओं के क्लास में आने पर रोक लगा दी गई, यहीं से मामला तूल पकड़ता चला गया, हिजाब को लेकर विरोध और समर्थन देश अलग-अलग राज्यों में होने लगा, आखि में मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया.

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