Mulayam Singh Yadav Death: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का कानपुर से गहरा नाता रहा है. सपा सरकार में उनकी प्रदेश की राजनीति कि दिशा और दशा कानपुर के रहने वाले उनके मित्र और सपा सरकार में मिनी सीएम कहलाने वाले चौधरी हरमोहन सिंह की कोठी से चलती थी. मुलायम सिंह यादव अक्सर कानपुर के मेहरबान सिंह पुरवा स्थित चौधरी हरमोहन की कोठी पर आते थे.
चौधरी हरमोहन सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं. तीन बार एमएलसी रहे हरमोहन को सपा ने दो बार राज्यसभा भी भेजा था. जब मुलायम सिंह यादव पहली बार सीएम बने तो हरमोहन का इतना रसूख था कि लोग उन्हें ‘मिनी सीएम’ कहते थे. संगठन और सरकार के फैसलों की जमीन अक्सर उनकी कोठी पर तैयार होती थी. मुलायम सिंह यादव ने जब 60 के दशक में पहला चुनाव लड़ा था तो यादव महासभा के जरिए हरमोहन के भाई रामगोपाल ने उनकी काफी मदद की थी. इस चुनाव से दोनों परिवारों के रिश्ते प्रगाढ़ हो गए. रामगोपाल 1977 में बिल्हौर लोकसभा सीट से सांसद भी रहे थे. रामगोपाल के निधन के बाद हरमोहन सिंह ने यादव महासभा के संचालन का जिम्मा संभाला था.
मुलायम सिंह यादव अपने हर कार्यकाल में कानपुर और मेहरबान सिंह का पुरवा आना नहीं भूलते थे. मुलायम सिंह यादव ने मेहरबान सिंह का पुरवा से ही सैफई के विकास की तस्वीर खींची थी. जब मुलायम सिंह यादव ने देखा कि हरमोहन सिंह अपने गांव में इतना विकास करा रहे हैं तो उन्होंने भी इस मॉडल को सैफई में अपनाया था. सीएम बनते ही मुलायम सिंह यादव ने मेहरबान सिंह का पुरवा की तरह सैफई में भी नाली, सड़कों का निर्माण कार्य और सौंदर्यीकरण कराया था.
रिपोर्ट : आयुष तिवारी