बरेली में सपा सैनिक प्रकोष्ठ ने सेना की अग्निपथ योजना को देश के लिए बताया घातक, यह भी बोले…

सपा सैनिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने सेना की नई योजना अग्निपथ को देश की सुरक्षा के लिए घातक बताया. उन्होंने कहा की सैनिक सेना की सबसे मजबूत धुरी हैं. कमजोर सैनिक देश की रक्षा और अखंडता के लिए घातक हैं. उन्होंने सेना की नई योजना अग्निपथ को रोकने की मांग की.

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2022 6:41 PM

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में सोमवार को सपा सैनिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने डीएम को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा. सैनिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने सेना की नई योजना अग्निपथ को देश की सुरक्षा के लिए घातक बताया. उन्होंने कहा की सैनिक सेना की सबसे मजबूत धुरी हैं. कमजोर सैनिक देश की रक्षा और अखंडता के लिए घातक हैं. उन्होंने सेना की नई योजना अग्निपथ को रोकने की मांग की.

‘देश की रक्षा के लिए खतरा’

समाजवादी सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सैनिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे. इन लोगों ने डीएम शिवाकांत द्विवेदी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा की देश की जनसंख्या एवं बेरोजगारी के मद्देनजर संविदा के सभी सैनिकों को सरकारी सेवा में समायोजित करना कठिन होगा. अगर,हथियारों में परिपूर्ण एवं सेना के विषयों की जानकारी रखने वाला व्यक्ति बेरोजगार होगा, तो वह देश और समाज के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. देश के विरुद्ध शक्तियां नवयुवकों का गलत इस्तेमाल कर सकती हैं. भारतीय सेना की सैनिक सबसे मजबूत धुरी है. कमजोर सैनिक देश की रक्षा के लिए खतरा हो सकता है.

बरेली में सपा सैनिक प्रकोष्ठ ने सेना की अग्निपथ योजना को देश के लिए बताया घातक, यह भी बोले... 2
‘संविदा में मूल भावना नहीं होती’

सैनिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने कहा कि एक सैनिक को अपने कर्तव्य के लिए तैयार करने एवं कार्यबोध की क्षमता विकसित करने में समय लगता है. तकनीकी कार्यों में और अधिक समय एवं आर्थिक विकास होता है. इनको सक्रिय सदस्य के रूप में तैयार किया जाता है. सैनिक में कर्तव्यनिष्ठा सेना की भावना तथा सर्वोच्च मांगों को विकसित करने के लिए एक सतत प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. वीरगति की नीति तत्वों के लिए भरण पोषण होता है. मगर संविदा पर मूल भावना न होने के कारण सीमा पर अपने कर्तव्य का पालन नहीं करेंगे. उन्होंने राष्ट्रपति से भारतीय सेना के अभिभावक के तौर पर नई सेना भर्ती को जनमानस एवं भारतीय सेना के हित के लिए रोकने की मांग की.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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