Lucknow News: गड्ढा मुक्ति अभियान में जितिन प्रसाद की नाराजगी पर सपा का तंज, मांगा इस्तीफा

प्रमुख विपक्षी दल सपा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री के आदेशों का पालन नहीं कर रहे प्रमुख सचिव, कैसे हो विकास? सपा ने भाजपा सरकार में सामंजस्य की कमी का आरोप लगाने के साथ इसे जनता का शोषण करार देते हुए शर्मनाक बताया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 2, 2022 5:13 PM

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यना​थ के 15 नवम्बर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश का अफसरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद जहां खुद अफसरों की नाफरमानी से नाराज हैं, वहीं ऐसे में विपक्ष को सरकार की आलोचना का एक मुद्दा मिल गया है. जितिन प्रसाद का प्रमुख सचिव को लिखा पत्र वायरल होने पर समाजवादी पार्टी ने कटाक्ष किया है.

मंत्री के आदेशों का पालन नहीं कर रहे आलाअफसर

पार्टी की ओर से बुधवार को कहा गया कि मंत्री जी कहीं आपका मंत्रालय डिप्टी सीएम तो नहीं लेना चाह रहे हैं ? जब अधिकारी आपकी नहीं सुन रहे तो इस्तीफा दे दीजिए. प्रमुख विपक्षी दल सपा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री के आदेशों का पालन नहीं कर रहे प्रमुख सचिव, कैसे हो विकास? सपा ने भाजपा सरकार में सामंजस्य की कमी का आरोप लगाने के साथ इसे जनता का शोषण करार देते हुए शर्मनाक बताया.

मंत्री ने लापरवाही पर मांगा स्पष्टीकरण

दरअसल लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने बारिश से क्षतिग्रस्त हुई प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अभियान के पर्यवेक्षण में ढिलाई बरतने के मामले में विभाग के प्रमुख सचिव नरेन्द्र भूषण से नाराजगी जतायी है. उन्होंने विभाग के प्रमुख अभियन्ता विकास एवं विभागाध्यक्ष संदीप कुमार से इतने महत्वपूर्ण निर्देश में लापरवाही को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है.

31 अक्टूबर तक मांगी थी जानकारी

इसमें उन्होंने कहा है कि विभाग के अधीन सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अभियान की विगत 28 अक्टूबर को समीक्षा की गई थी. इसमें उन्होंने निर्देश दिये थे कि गड्ढा मुक्ति, विशेष मरम्मत व नवीनीकरण के सभी कार्यों की वित्तीय स्वीकृतियां हर हाल में 31 अक्टूबर तक जारी कर दी जाएं. इसके साथ ही लगातार जारी की जा रहीं वित्तीय स्वीकृतियों और गड्ढा मुक्ति अभियान की प्रतिदिन की प्रगति से अवगत कराने को भी कहा गया था. लोक निर्माण मंत्री ने विशेष मरम्मत के अन्तर्गत 40 लाख रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृतियों के सभी प्रस्ताव हर हाल में 31 अक्टूबर तक उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए थे.

विवरण से नहीं कराया गया अवगत

अपने इन निर्देशों की अवहेलना पर लोक निर्माण मंत्री ने कड़ी नाराजगी जतायी है. उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि पहली नवम्बर तक उन्हें प्रगति के विवरण से नहीं अवगत कराया गया. इसके लिए उन्होंने प्रमुख अभियन्ता विकास एवं विभागाध्यक्ष को मॉनीटरिंग में लापरवाही का जिम्मेदार मानते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. इसी पत्र के वायरल होने के बाद विपक्ष सरकार को घेरने में जुटा है.

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