Agra News: प्रोफेसर विनय पाठक के बाद STF के निशाने पर करीबी, संपत्तियों की जांच में जुटी टीम
Agra News: आगरा की डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो विनय पाठक के बाद उनके सहयोगियों पर एसटीएफ की नजर है. टीम इन लोगों की संपत्तियों की जांच में जुटी है.
Agra News: आगरा की डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो विनय पाठक द्वारा की गई कारगुजारियों की आंच अब उनके सहयोगियों पर भी पहुंचने लगी है. एसटीएफ (STF) ने प्रोफेसर विनय पाठक के साथ ही उनके भ्रष्टाचार में सहभागी रहे अन्य लोगों की भी जांच पड़ताल शुरू कर दी है. ऐसे में उनकी संपत्ति की जांच की जा रही है.
विनय पाठक के बाद STF के निशाने पर करीबी
जनवरी में विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति के तौर पर प्रभार संभालने वाले प्रोफेसर पाठक (Professor Vinay Pathak) के भ्रष्टाचार की परतें लगातार खुलती चली जा रही हैं. उनके भ्रष्टाचार में वह अकेले नहीं हैं, बल्कि विश्वविद्यालय के कई अधिकारी और कर्मचारी भी साथी रहे. ऐसे में प्रोफेसर विनय पाठक ने कार्यवाहक कुलपति रहते प्रति कुलपति के रूप में प्रोफेसर अजय तनेजा, डीन अकादमी के रूप में प्रोफेसर संजीव कुमार और छात्र कल्याण समन्वयक के रूप में संजय चौधरी को जिम्मेदारी दी गई थी. विश्वविद्यालय में संबद्धता से लेकर सेंटर निर्धारण और फ्लाइंग स्क्वाड (Flying Squad) तक के फैसले यही लोग कर रहे थे.
संपत्ति की जांच में जुटी टीम STF
प्रोफेसर विनय पाठक ने कई अन्य शिक्षकों को कई कमेटियां बनाकर शामिल किया था. जिन्हें 250 जांच और अन्य कमेटियों में जोड़ा गया था. यह सब लोग प्रोफेसर विनय पाठक के खास बताए जाते हैं. ऐसे में एसटीएफ अब इन लोगों की संपत्तियों पर भी नजर बनाए हुए.
संपत्ति का ब्यौरा निकालना किया शुरू
एसटीएफ ने प्रोफेसर विनय पाठक के साथ उनके करीबियों की संपत्ति का ब्यौरा निकालना शुरू कर दिया है, क्योंकि कहीं ना कहीं यह लोग भी प्रो पाठक के भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से सहयोगी रहे थे. एसटीएफ इन सभी लोगों के मकान, व्यापार, प्लॉट, गाड़ियां और उनके परिवार के लोग जो काम कर रहे हैं, उन सभी की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है.
एसटीएफ ने इस मामले में रूसा के समन्वयक प्रोफेसर संजय चौधरी को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन संजय चौधरी पूछताछ से संबंधित दस्तावेज साथ नहीं लेकर आए थे. जिस पर एसटीएफ ने उन्हें 2 दिन का समय दिया था और उनके समय में खर्च की गई रकम का ब्यौरा देने की बात कही थी.
रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, आगरा