UP STF News: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी में आगरा बाईपास के पास सिरसागंज चौराहे के पास से एक अवैध हथियारों की फैक्ट्री का खुलासा किया गया है. यूपी एसटीएफ ने मुखबिरों की सूचना पर कार्रवाई कर 9 लोगों को बिहार एसटीएफ के सहयोग से गिरफ्तार किया. इनके पास से भारी मात्रा में निर्मित, अर्धनिर्मित अवैध असलहे एवं असलहा बनाने के रॉ- मटेरियल व उपकरण बरामद किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ उत्तर प्रदेश को अंतर्राज्यीय स्तर पर अवैध असलहों के तस्करों का मुंगेर के कुछ कारीगरों की मदद से उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में असलहे के निर्माण की फैक्ट्री का संचालन करने की जानकारी मिली थी. इसी दौरान एसटीएफ बिहार द्वारा भी सूचना दी गयी कि मुंगेर के कारीगरों द्वारा उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी में अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है. इस सूचना पर निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह एसटीएफ फील्ड इकाई, गोरखपुर के नेतृत्व में एक टीम जनपद मैनपुरी के लिए रवाना की गयी. एसटीएफ फील्ड इकाई आगरा से निरीक्षक हुकुम सिंह के नेतृत्व में एक टीम को भी साथ लिया गया. दोनों टीम ने मिलकर जांच की. इसके बाद संयुक्त कार्रवाई में जनपद-मैनपुरी से अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर 9 लोगों को बिहार एसटीएफ के सहयोग से गिरफ्तार किया.
पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्त पंकज ने बताया, ‘मैं आज से कुछ महीने पहले तक नकली नोट सप्लाई के मामले में पश्चिम बंगाल के जेल में बंद था. जहां पर मेरे साथ मुगेर बिहार के असलहा बनाने वाले कुछ कारीगर भी बंद थे. उन्होंने उसकी मुलाकात सोनू शर्मा से करायी.’ उसने बताया कि जेल से छूटने के बाद वह भी मैनपुरी के आस-पास अवैध पिस्टल बेचकर कुछ पैसे कमाने की बात सोच रहा था. इसके लिए उसने, शैलेंद्र और मोहर सिंह उर्फ बबलू के साथ मिलकर मनीष यादव निवासी रठैरा थाना दन्नाहार मैनपुरी से 75 हजार रुपये प्रति माह पर उस मकान को किराये पर लिया था.
पंकज के मुताबिक, अवैध शस्त्र फैक्ट्री चलाने के लिए लगभग 5 लाख रुपये की मशीनें व अन्य उपकरण खरीद कर लगाए गए थे. इसमें मदन शर्मा, सोनू शर्मा व मोहित कुमार शस्त्र बनाने का काम करने लगे. बने हुए शस्त्रों के सप्लाई का काम शिवम कुमार, शैंकी उर्फ सुमित कुमार व ललित उर्फ बीनू करते थे. एक पिस्टल करीब 25 हजार रुपये में बिक जाती है. इसमें से प्रति पिस्टल 5,000 रुपये मदन शर्मा, सोनू शर्मा व मोहित कुमार को बनाने के लिए दिये जाते थे. शेष 1,000 रुपये प्रति पिस्टल के हिसाब से शिवम कुमार, शैंकी यादव व ललित उर्फ बीनू या जो भी बिकवाता है उसे दिये जाते थे.
पंकज ने बताया कि कारखाने का बिजली, पानी व अन्य किराया काटकर जो पैसा बचता था, उसे वह, बबलू उर्फ मोहर सिंह व शैलेंद्र सिंह आपस में बराबर-बराबर बांट लेते थे. अब तक इन लोगों ने करीब 100 पिस्टल बनाकर बिहार व उत्तर प्रदेश में बेचे हैं. जो सामान बरामद हुआ है उससे ये 80 पिस्टल और तैयार कर रहे थे. गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना कोतवाली मैनपुरी में मुकदमा दर्जकर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही, इनके बिहार और यूपी के दूसरे कनेक्शन भी तलाशे जा रहे हैं.