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‘शरीर को चीरा फाड़ा न जाए’, सुसाइड के बाद एक ऐसी भी अंतिम इच्छा

जयदीप ने सुसाइड नोट में लिखा, 'वे मुझे डराने-धमकाने लगे. मुझे मारने की धमकी देने लगे और कहने लगे कि तुम यहां से चलकर नहीं जा पाओगे. मुझे पागल साबित कर पागलखाना भेजने की धमकी दे रहे थे. जेल भेजने की धमकी दे रहे थे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 24, 2022 9:43 AM

Lucknow: राजधानी लखनऊ में शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मौके से तीन पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें छात्र ने जवाहरलाल नेहरू युवा कौशल केंद्र के ट्रेनर और सीनियर्स पर प्रताड़ित करने की बात लिखी है. मृतक के पिता की तहरीर पर इंदिरानगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

मानसिक रूप से किया जा रहा था परेशान

जवाहरलाल नेहरू कौशल विकास केंद्र में 21 वर्षीय जयदीप सीएनजी किट फिटर की ट्रेनिंग कर रहा था. जयदीप ने खुदकुशी से पहले नोट में लिखा है कि वह अपने पूरे होशोहवास में अपनी बात लिख रहा है कि पिछले कई दिनों से उसे मानसिक रूप से परेशान किया जाता है. सीनियर कुछ नहीं करते, उसे पागल बनाने की कोशिश की जाती है. उसे बेवकूफ मूर्ख भी कहा जाता है.

सीनियर छात्रों ने की मारपीट

जयदीप ने सुसाइड नोट में लिखा, ‘कुछ दिन पहले कुछ बुरे और नशेड़ी, गंजेड़ी, शराबी लड़कों ने बिना बात के ही मुझे मारना-पीटना शुरू कर दिया. जब मैं अपने बचाव में उनसे लड़ने लगा तभी टाइम सेंटर के स्टाफ और हेड ने मिलकर मुझे एक रूम में बंद कर दिया.

पागलखाना भेजने की दे रहे थे धमकी

जयदीप ने सुसाइड नोट में लिखा, ‘वे मुझे डराने-धमकाने लगे. मुझे मारने की धमकी देने लगे और कहने लगे कि तुम यहां से चलकर नहीं जा पाओगे. मुझे पागल साबित कर पागलखाना भेजने की धमकी दे रहे थे. जेल भेजने की धमकी दे रहे थे. जयदीप ने आरोप लगाया कि उसके चेहरे, सिर, गर्दन और कान पर तेज से मारा जाता था. उसे बहुत दर्द होता था. उसने लिखा, ‘मैं तो सब से दोस्ती करना चाहता था और करता भी था. मेरा विश्वास लड़ाई-झगड़ा, गाली गलौज में नहीं था. लेकिन, उन्होंने मुझे बहुत परेशान और विवश कर रखा था.

सुसाइड नोट में लिखी अपनी आखिरी इच्छा

सुसाइड नोट में जयदीप यादव ने अपनी आखिरी इच्छा भी लिखी है. उसने लिखा, ‘मेरा निवेदन है कि प्लीज मेरे शरीर को चीरा-फाड़ा न जाए. यही मेरी अंतिम इच्छा है. बाकी आप लोगों की मर्जी.’ इसके साथ ही उसने अपने शिक्षक राजेन्द्र सिंह ठाकुर और सेंटर हेड नीरज पटेल को अपनी खुदकुशी का सबसे बड़ा कारण भी बताया है. उसने सुसाइड नोट में नीरज पटेल को लेकर लिखा कि वह सेंटर हेड हैं तो क्या कुछ भी करेंगे.

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पुलिस पर एफआईआर में देरी का आरोप

मामले में परिजनों का आरोप है कि पुलिस मुकदमा लिखने में देरी कर रही थी. पुलिस के टालमटोल करने के बाद सीएम हेल्पलाइन 1076 पर शिकायत करने के बाद मुकदमा लिखा गया. मृतक जयदीप के पिता की ओर से इंदिरा नगर थाने में दी गई तहरीर में जवाहरलाल नेहरू कौशल विकास केंद्र के ट्रेनर समेत कई लोगों पर उनके बेटे की हत्या का आरोप लगाया गया है. इंदिरानगर के थाना प्रभारी ने बताया कि घटना 19 दिसम्बर की है. इसे लेकर तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मामले की विवेचना की जा रही है.

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