Subhash Chandra Bose Jayanti: लखनऊ के युवाओं में देशभक्ति की चिंगारी सुलगा गए थे नेताजी, यहां की थी जनसभा…

सुभाष चंद्र बोस 20 नवंबर 1938 को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार लखनऊ के हीवेट रोड स्थित बंगाली क्लब आए थे. उन्हें यहां अभिनंदन पत्र देने के लिए आमंत्रित किया गया था. सुभाष चंद्र बोस ने यहां लोगों को संबोधित किया था. उनके विचारों ने युवाओं में देशभक्ति का जज्बा जगाने का काम किया था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2023 6:35 AM
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Lucknow: भारत की आजादी के लिए संघर्ष करते हुए बलिदान देने वाले महानायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आज पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. उनका नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ आज भी देशवासियों के भीतर राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करता है. सुभाष चंद्र बोस ने भारत की आजादी के लिए न सिर्फ देश के अंदर बल्कि दूसरों मुल्कों में जाकर भी संघर्ष किया.

आजाद हिंद फौज की स्थापना करके अंग्रेजी हुकूमत को जिस तरह उन्होंने चुनौती दी, उससे लोगों में स्वतंत्रता की चिंगारी और सुलग उठी. आखिरकार अंग्रेज भारत छोड़ने को मजबूर हुए. वहीं आजादी के इस महानायक ने अंग्रेजों के खिलाफ लखनऊ के युवाओं में भी जोश भरने का काम किया था. लखनऊ से सुभाष चंद्र बोस का बेहद आत्मीय रिश्ता रहा और इसक यादें अभी भी जिंदा हैं.

सुभाष चंद्र बोस 20 नवंबर 1938 को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार लखनऊ के हीवेट रोड स्थित बंगाली क्लब आए थे. उनको बंगाली क्लब और युवक समिति ने अभिनंदन पत्र देने के लिए आमंत्रित किया था. लखनऊ पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया था. उस समय कांग्रेस अध्यक्ष का पद पूरे देश में गौरव का विषय माना जाता था.

बंगाली क्लब के पास सुभाष चंद्र बोस को दिए गए अभिनंदन पत्र की प्रतिलिपि और क्लब के सदस्यों के साथ खिंचवाई गई फोटो आज भी मौजूद है. बांग्ला भाषा में लिखे अभिनंदन पत्र में नेताजी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया है. इसमें उनके विचारों की प्रशंसा की गई है.

लखनऊ के बंगाली क्लब परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में सुभाष चंद्र बोस ने युवाओं को भी संबोधित किया था. उसी दौरान लखनऊ के लखनऊ के सुंदरबाग निवासी लेफ्टिनेंट कमांडर रहे एसके वर्धन, मकबूलगंज निवासी तारोपदो दत्ता और कैप्टन राम सिंह आजाद हिंद फौज में शामिल हुए थे. राजधानी आने पर सुभाष चंद्र बोस के स्वागत के लिए शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था.

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इसके साथ ही काकोरी केस के क्रांतिकारी रामकृष्ण खत्री ने 1940 में सुभाष चंद्र बोस का लखनऊ में दौरा करवाया था. रामकृष्ण खत्री फारवर्ड ब्लॉक के संस्थापक सदस्य और यूपी फारवर्ड ब्लॉक के महासचिव रहे. ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक की कार्यकारिणी में भी रामकृष्ण खत्री सदस्य थे.

लखनऊ दौरे के दौरान अमीनाबाद के घंटाघर पार्क में विराट सभा को भी सुभाष चंद्र बोस ने संबोधित किया था. इस दौरान भारी संख्या में युवा यहां जुटे थे. सुभाष चंद्र बोस ने भाषण देकर युवाओं के अंदर देशभक्ति का जज्बा पैदा किया और उनके अंदर दबी चिंगारी को सुलगाने में सफलता हासिल की.

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