Varanasi News: काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर के सर्वे को लेकर विवाद थमने का नाम नही ले रहा है. अब इसकी चपेट में राजनीतिक दल भी आ गए हैं. दरअसल ये मामला है समाजवादी पार्टी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से जुड़ा, जिसके प्रदेश प्रवक्ता शशी प्रताप सिंह के बयान जिसमे उन्होंने मुस्लिम समाज से ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदू पक्ष को सौंप देने की अपील की है. इसे लेकर सुभासपा पार्टी ने सख्त क़दम उठाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
सुभासपा पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर प्रदेश प्रवक्ता शशी प्रताप सिंह के बयान को गैर जिम्मेदाराना और अनुशासनहीनता बताते हुए पदमुक्त करने का निर्देश दिया है. श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के नेता प्रदेश प्रवक्ता शशी प्रताप सिंह ने बयान जारी किया था कि, बाबा विश्वनाथ मंदिर के बगल में बना हुआ ज्ञानवापी मस्जिद वास्तव में कभी मंदिर था.
उन्होंने कहा कि, इस मस्जिद को ध्यान से देखें तो यह साफ दिखाई देता है कि किसी जमाने में मंदिर के ऊपरी हिस्से को तोड़कर मस्जिद का ढांचा बनाया गया है. शशिप्रताप सिंह ने इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए मन्दिर हिन्दू पक्ष को सौंपने की बात कही थी.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाइयों को जिद छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद के प्रांगण को हिंदू भाइयों को दे देनी चाहिए, जिससे बाबा के दरबार को और भी व्यवस्थित और भव्य बनाया जा सके. कोर्ट के आदेश को मानना चाहिए. इसमें राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. इस बयान पर सपा की सहयोगी पार्टी सुभासपा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह बयान अनुशासन हीनता दर्शाता है. इसके लिए प्रदेश प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह को पदमुक्त किया जाता है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह