Success Story: नौकरी के साथ 7 सब्जेक्ट्स में क्वालीफाई किया NET, डॉ. भानुप्रताप किताबें पढ़ने के हैं शौकीन

डॉ. भानुप्रताप सिंह वर्तमान में इग्नू के क्षेत्रीय केन्द्र चंडीगढ़ में क्षेत्रीय निदेशक हैं. सिंह ने व्यस्त दिनचर्या के बावजूद शिक्षा के प्रति अपनी रुचि को कभी कम नहीं होने दिया है. यही कारण है कि आज वे नौकरी करते हुए सात सब्जेक्ट्स में यूजीसी नेट क्वालीफाई कर चुके हैं.

By Sohit Kumar | November 12, 2022 8:03 AM

Aligarh News: किसी ने क्या खूब कहा है कि, जमीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है, परों को खोल जमाना उड़ान देखता है. इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है डॉ. भानुप्रताप सिंह ने जोकि वर्तमान में इग्नू के (IGNOU) क्षेत्रीय केन्द्र चंडीगढ़ में क्षेत्रीय निदेशक हैं. सिंह ने व्यस्त दिनचर्या के बावजूद शिक्षा के प्रति अपनी रुचि को कभी कम नहीं होने दिया है. यही कारण है कि आज वे नौकरी करते हुए सात सब्जेक्ट्स में यूजीसी नेट क्वालीफाई ( UGC-NET Qualified) कर चुके हैं. इसके अलावा और 7 विषयों में नेट निकालने का जज्बा रखते हैं.

नौकरी करते हुए 7 विषयों में किया यूजीसी नेट क्वालीफाई

  • डॉ. भानुप्रताप ने शिक्षाशास्त्र से जून 2003 में नेट क्वालीफाई किया.

  • दिसंबर 2011 में मानव संसाधन विकास से नेट क्वालीफाई किया.

  • दिसंबर 2012 में प्रबन्ध से नेट क्वालीफाई किया.

  • दिसंबर 2013 में जनसंख्या अध्ययन से नेट क्वालीफाई किया.

  • जून 2014 में निरंतर शिक्षा से नेट क्वालीफाई किया.

  • दिसंबर 2014 में महिला शिक्षा से नेट क्वालीफाई किया.

  • जून 2022 में जनसंचार और पत्रकारिता में नेट क्वालीफाई किया.

सात और विषयों में नेट निकालने की इच्छा

डॉक्टर भानु प्रताप सिंह ने प्रभात खबर को बताया कि अब तक 7 विषयों में नेट क्वालीफाई कर चुके हैं. आने वाले समय में अन्य सात विषयों में और नेट क्वालीफाई करने की इच्छा रखते हैं. डॉ सिंह ने गणित में एमएससी (MSC) करने के बाद शिक्षा शास्त्र में एमफिल (M.Phil) और पीएचडी (PHD) की. सिंह ने एल टी, एम एड, दूरस्थ शिक्षा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, उच्च शिक्षा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, एमबीए, मानव अधिकार में प्रमाण पत्र, दूरस्थ शिक्षा तथा जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिग्री भी प्राप्त की है. उन्होंने अभी भी आगरा के डॉ० भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से शिक्षा शास्त्र में डी लिट के लिए नामांकन किया हुआ है.

मजबूरी नहीं जनून है पढ़ने का

हर इंसान जीवन में कोई न कोई शौक जरूर रखता है. इसी तरह डॉ. भानुप्रताप को भी अपने कॉलेज के दिनों से ही पढ़ने का जुनून है, जोकि अब उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है. उन्होंने बताया कि अभी क्षेत्रीय इग्नू में क्षेत्रीय निदेशक की जिम्मेदारी संभालने के साथ हर रात 2 घंटे पढ़ाई के लिए समय देते हैं. नेट की तैयारी करने वालों का सफलता का मंत्र देते हुए बताया कि, छात्रों को रिसर्च मेथाडोलॉजी को अच्छे तरीके से तैयार करना चाहिए. साथ ही जिस विषय में नेट दे रहे हैं, उसकी तैयारी यूजीसी के सिलेबस के अनुरूप करनी चाहिए. सिलेबस की तैयारी में इग्नू की किताबें सहायक सिद्ध हो सकती हैं.

2001 में बतौर टीजीटी टीचर की थी शिक्षा क्षेत्र में एंट्री

डॉ भानुप्रताप सिंह की पहली नियुक्ति 2001 में जवाहर नवोदय विद्यालय, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश में बतौर टीजीटी गणित शिक्षक हुई थी, उसके बाद 2003 से 2006 तक पीजीटी गणित शिक्षक के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय, बसोहली, कठुआ, जम्मू-कश्मीर में शिक्षण कार्य किया. डॉ भानुप्रताप सिंह 2006 को सहायक क्षेत्रीय निदेशक के रूप में इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र रायपुर छत्तीसगढ़ में नियुक्त हुए और फिर 2 बार अलीगढ़ के प्रभारी क्षेत्रीय निदेशक रहे.

डॉ भानुप्रताप का अकादमिक करियर

डॉ भानुप्रताप सिंह पिछले 21 साल से शिक्षा क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं. सिंह के 50 से अधिक गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान पत्र विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं. इन्होंने 8 पुस्तकें सम्पादित की हैं. इनके कॉलेज मैगजीनों, प्रतियोगिता दर्पण में 25 से अधिक लेख प्रकाशित हुए. इसके साथ ही विभिन्न महाविद्यालयों में कई अतिथि व्याख्यान दिए. साथ ही 35 से अधिक विभिन्न राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया तथा शोध पत्रों का वाचन किया. इसके अलावा 20 से अधिक विद्यार्थियों को एम एड, एम ए शिक्षा शास्त्र, एम बी ए तथा प्राथमिक विद्यालय गणित शिक्षण में प्रमाणपत्र के प्रोजेक्ट, शोध का मार्गदर्शन किया.

रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़

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