भक्तों ने गंगाजल से बीबी दशानन की प्रतिमा को स्नान कराकर पुष्पों से मनोहारी श्रृंगार किया. वर्ष में एक बार दशहरा के दिन मंदिर के पट खोलना के कारण सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त पहुंचकर दशानन को सरसों के तेल का दीपक कर रहे हैं. मान्यता है कि रावण बुद्धि और पराक्रम सर्वश्रेष्ठ था . इसलिए सरसों के तेल का दीपक अर्पित करने से बुद्धि और पराक्रम की प्राप्ति होती है.
BREAKING NEWS
Advertisement
Dussehra 2022: उत्तर भारत का ऐसा मंदिर जहां विजयादशमी पर होती है रावण की पूजा
कानपुर में शिवाला स्थित दशानन मंदिर के पट बुधवार को दशहरा पर्व के अवसर पर खोले गए. भक्तों ने गंगाजल से बीबी दशानन की प्रतिमा को स्नान कराकर पुष्पों से मनोहारी श्रृंगार किया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement