Bareilly News: उर्स-ए-रजवी से लौटने के दौरान सूफी अब्दुल लतीफ नूरी का निधन, दरगाह से हुआ गम का इजहार
आला हजरत के उर्स-ए-रजवी से लौटने के दौरान मुफ़्ती-ए-आजम हिन्द के खलीफा सूफी अब्दुल लतीफ नूरी का निधन हो गया. वह बस्ती जनपद के हसनपुर से उर्स-ए-रज़वी में शामिल होने बरेली आए थे. उनके निधन के बाद दरगाह आला हजरत के जिम्मेदारों ने गहरा दुख व्यक्त किया.
Bareilly News: आला हजरत के उर्स-ए-रजवी से लौटने के दौरान मुफ़्ती-ए-आजम हिन्द के खलीफा सूफी अब्दुल लतीफ नूरी (67 वर्ष) का इंतकाल (मौत) हो गया. वह बस्ती जनपद के हसनपुर से उर्स-ए-रज़वी में शिरकत (शामिल) होने बरेली आए थे. उनके इंतकाल के बाद दरगाह आला हजरत के जिम्मेदारों ने अफसोस (दुख) जाहिर किया है.
लखनऊ पहुंचने के बाद अचानक बिगड़ी थी तबियत
फाजिल-ए-बरेलवी इमाम अहमद रजा खां के 104 वें उर्स- ए-रजवी में शामिल होने के बाद मुफ्ती- ए- आजम हिंद के खलीफा सूफी लतीफ नूरी अपनी जनपद बस्ती में स्थित ख़ानक़ाह को रवाना हुए थे. लखनऊ पहुंचने के बाद अचानक तबियत बिगड़ी. जिसके चलते लखनऊ के अलीगंज स्थित मुरीद जाफर अली के निवास पर रात 3 बजकर 30 पर इंतकाल हो गया. दरगाह के नासिर कुरेशी ने बताया कि इमाम का जिला बस्ती में खानकाह में रविवार दोपहर यानी 25 सितंबर को नमाज़-ए-ज़ोहर सुपुर्द ए खाक (तदफ़ीन) किया जाएगा.
बरेली की सरजमी पर कभी जूता या चप्पल नहीं पहनते थे
सूफी अब्दुल लतीफ नूरी 50 साल से लगातार बरेली उर्स ए रज़वी में शिरकत करने आते रहे हैं. उनका आला हज़रत से मोहब्बत का ये आलम था वह बरेली की सरज़मी पर कभी जूता या चप्पल नहीं पहनते थे. उनके देश भर में हजारों मुरीद हैं. मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश- विदेश का दौरा कर मसलक ए आला हज़रत के मिशन को फरोग (बढ़ाने) देने का काम किया.
सज्जादानशीनों ने किया गम का इज़हार
दरगाह सरपरस्त हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान साहब (सुब्हानी मिया) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) मुफ़्ती सलीम नूरी, मुफ़्ती आकिल रज़वी, मुफ़्ती अफरोज आलम आदि ने उनके इंतकाल पर रंज ओ गम का इज़हार करते हुए खिराज़ पेश की.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली