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जीजा की जगह साला करता रहा 5 सालों तक नौकरी, पुलिस की नाक के नीचे होता रहा फर्जीवाड़ा, जब भेद खुला तो…

UP Police Fraud: उत्तर प्रदेश पुलिस फर्जीबाड़े का रिकार्ड बनाने पर तुली है. एक से बढ़कर फर्जीवाड़े से जहां पुलिस व्यवस्था पर की क्षवि खराब हो रही है. वहीं, पुलिस की सक्रियता पर भी सवाल उठने लगे हैं. ऐसा ही फर्जीवाड़े का मामला मुरादाबाद में आया है. जहां, दरअसल, ठाकुरद्वारा में एक सिपाही की जगह उसका साला कई सालों तक ड्यूटी करता रहा लेकिन किसी को इसकी कानों कान खबर नहीं हुई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2021 12:08 PM
  • जीजा की जगह साला करता रहा नौकरी

  • पांच सालों तक नहीं हुई कानों कान खबर

  • लापरवाही बरतने वालों पर होगी कार्रवाई

UP Police Fraud: उत्तर प्रदेश पुलिस फर्जीबाड़े का रिकार्ड बनाने पर तुली है. एक से बढ़कर फर्जीवाड़े से जहां पुलिस व्यवस्था पर की क्षवि खराब हो रही है. वहीं, पुलिस की सक्रियता पर भी सवाल उठने लगे हैं. ऐसा ही फर्जीवाड़े का मामला मुरादाबाद में आया है. जहां, दरअसल, ठाकुरद्वारा में एक सिपाही की जगह उसका साला कई सालों तक ड्यूटी करता रहा लेकिन किसी को इसकी कानों कान खबर नहीं हुई.

बताया जा रहा है कि आरोपी जीजा ने अपने साले को नौकरी पर भेजने से पहले उसे पूरी ट्रेनिंग दी थी. लेकिन इस बारे में जब एक अज्ञात व्यक्ति ने सूचना पुलिस को दी थी, तब कहीं जाकर मामले का खुलासा हुआ. मामले का खुलासा होने के बाद पूरा विभाग सकते में आ गया. पूरे पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है. ठाकुरद्वारा थाने में आरोपी जीजा-साले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. और आरोपी सिपाही को गिरफ्तार भी कर लिया है.

क्या है पूरा मामलाः बता दें, आरोपी सिपाही अनिल कुमार मुजफ्फरनगर के खतौली थाने स्थित दाहौड़ गांव का निवासी है. उसने सेटिंग कर अपनी जगह अपने साले सुनील को नौकरी करने भेजने लगा. बता दे, आरोपी अनिल कुमार का चयन 2012 में आरक्षी के लिए हुआ था. ट्रेनिंग पूरा करने के बाद अनिल कुमार को सबसे पहली पोस्टिंग बरेली जनपद में मिली. हालांकि जब उसका तबादला बरेली रेंज से मुरादाबाद हुआ तो उसने अपने स्थान पर साले सुनील को बुलाकर उसे प्रस्थान आदेश की कॉपी दी और मुरादाबाद पुलिस अधिकारियों के सामने पेश किया.

हालांकि उस वक्त फोटो का मिलान नहीं किया, जिसके चलते यह खेल बदस्तूर पांच सालों तक चलता रहा. शिकायत मिलने के बाद जब ठाकुरद्वारा सीओ और थाना प्रभारी ने जांच की तो सारा सच सामने आ गया. आरोपी ने बताया कि करीब पांच साल पहले उसकी नौकरी शिक्षा विभाग में लगी थी. जिसके बाद उसने अपने साले सुनील को ड्यूटी पर भेजना शुरू कर दिया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, दूसरे आरोपी को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. साथ ही इस मामले में लापरवाही करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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Posted by: Pritish Sahay

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