Noida Supertech Twin Towers Demolition: बस एक बटन से जमींदोज हो गया भ्रष्टाचार का ट्विन टावर
नोएडा के सेक्टर-93ए में बना सुपरटेक ट्विन टावर (Noida Supertech Twin Towers Demolition) आज यानी रविवार दोपहर ढाई बजे ध्वस्त कर दिया गया. 40 मंजिला इमारत को गिराने का काउंटडाउन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली थी.
मुख्य बातें
नोएडा के सेक्टर-93ए में बना सुपरटेक ट्विन टावर (Noida Supertech Twin Towers Demolition) आज यानी रविवार दोपहर ढाई बजे ध्वस्त कर दिया गया. 40 मंजिला इमारत को गिराने का काउंटडाउन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली थी.
लाइव अपडेट
धूल ने ढक दिया ट्विन टावर का पूरा क्षेत्र, देखें वीडियो
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सिलसिलेवार ब्लास्ट के बाद मात्र 8 सेकेंड में भले ही नोएडा का विख्यात ट्विन टावर मिट्टी का ढेर बन गया हो. मगर धूल के गुबार ने कुछ देर के लिए सबकुछ अपने आगोश में ले लिया. देखें वीडियो...
ब्लास्ट के बाद नोएडा की प्रभावित क्षेत्र में सफाई शुरू
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नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर के ढहाए जाने के बाद उठे धूल के गुबार को बैठाने के लिए सफाई का अभियान भी बड़ी तेजी से शुरू कर दिया गया है.
बस धूल का एक गुबार दिखा और गुम हो गई 40 मंजिला इमारत
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बस एक बटन से जमींदोज हो गई भ्रष्टाचार की इमारत
आखिरकार, नोएडा का ट्विन टावर एक बटन दबाकर ही ध्वस्त कर दिया गया. देखते ही देखते मात्र 12 सेकेंड में कुतुबमिनार से सात-आठ मीटर ऊंची इमारत को मलबे के ढेर में बदल दिया गया. इसी के साथ भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करते हुए सुपरटेक ट्विन टावर्स को इतिहास में दर्ज कर दिया.
ब्लास्ट की उल्टी गिनती शुरू, नजारा देखने के लिए उमड़ी भीड़
इंडिया में पहली बार इस तरह से इमारत को ध्वस्त होते देखने के लिए नोएडा ट्विन टावर के पास लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है. सभी इस नजारे को देखने के लिए आए हुए हैं.
निकलेगा हजारों टन मलबा, 13 करोड़ की अनुमानित है रिकवरी
ट्विन टावर को ढहाने के बाद इससे हजारों टन मलबा निकलेगा, जिसे आगे चलकर बेचा भी जा सकता है. मलबे की कुल कीमत 13 करोड़ लगायी जा रही है. जानकारों की मानें, तो मलबा खरीदने और उसे बेचने का बिजनेस जबरदस्त मुनाफेवाला है. आंकड़ों में बात करें, तो सामान्य तौर पर एक ट्रैक्टर ट्रॉली का मलबा 500-800 रुपये प्रति ट्रॉली बिकता है.
चंद मिनट में एक बटन दबाकर गिरा दी जाएगी ट्विन टावर
नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के लिए सारे डेटोनेटर बिछा दिए गए हैं. एक बटन को दबाकर मात्र 12 सेकेंड में इस कुतुबमिनार से ऊंची इमारत को मलबे के ढेर में बदल दिया जाएगा.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का सपा पर तंज
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को सुपरटेक ट्विन टावर को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पर करारा प्रहार किया है.
सुपरटेक कंपनी पर है 400 करोड़ का बकाया
नोएडा के एमराल्ड कोर्ट परियोजना में बने ट्विन टावरों को बनाने वाली कंपनी सुपरटेक लिमिटेड है. यह एक गैर-सरकारी कंपनी है. इस कंपनी को सात दिसंबर, 1995 में निगमित किया गया था. सुपरटेक की स्थापना आरके अरोड़ा ने की है. उनके पास कुल 34 कंपनियां हैं. साल 1999 में आरके अरोड़ा की पत्नी संगीता अरोड़ा ने दूसरी कंपनी सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की थी. बड़ी बात तो ये है कि सुपरटेक ने अब तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के 12 शहरों में रियल स्टेट प्रोजेक्ट लांच किए हैं. इसके बावजूद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने इसी साल कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया है. कंपनी पर लगभग 400 करोड़ का कर्ज बकाया है. इसी कंपनी ने नोएडा में ट्विन टावर का निर्माण किया है जो आज दोपहर ढाई बजे गिरा दी जाएगी.
करीब साढ़े तीन घंटे बाद गिरा दी जाएगी इमारत
नोएडा का ट्विन टावर अब करीब साढ़े 3 घंटे बाद गिरा दिया जाएगा. एक बटन दबाने के साथ ही ध्वस्त होने वाली इमारत से उठने वाले धूल के गुबार को बैठाने के लिए पानी का तत्काल छिड़काव किया जाएगा. वहीं, अपना घर छोड़कर जाने वालों ने सेल्फी लेकर आज के इस समय को तस्वीरों में कैद कर लिया है.
मंजूरी के बाद बहाल होगी गैस और बिजली की सप्लाई
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘लोगों को निकालने का काम पूरा हो चुका है. रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है. ट्विन टावर को ढहाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सुरक्षा मंजूरी मिलने के उपरांत की इन्हें बहाल किया जाएगा.' अधिकारी के मुताबिक, निवासियों के अलावा उनके वाहनों और पालतू जानवरों को भी हटा दिया गया है. उन्होंने बताया कि निजी सुरक्षाकर्मी और रेजिडेंट ग्रुप के कुछ प्रतिनिधि अपराह्न करीब एक बजे तक सोसाइटी में रहेंगे और इसके बाद दोनों सोसाइटी पूरी तरह से खाली हो जाएंगी.
नोएडा में ट्विन टावर ढहाने से पहले करीबी इमारतें कराई गईं खाली
नोएडा में सुपरटेक के जल्द ही ढहाए जाने वाले ट्विन टावर के निकट स्थित दो हाउसिंग सोसाइटी को खाली कराया गया है. अधिकारियों ने रविवार सुबह यह जानकारी दी. एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के लगभग 5,000 निवासियों को निकालने का काम सुबह सात बजे तक पूरा किया जाना था. निकासी प्रक्रिया पर नजर रख रहे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर निवासी पहले ही बाहर जा चुके हैं और कई निवासी कल शाम स्वयं ही चले गए थे. एक अधिकारी ने सुबह करीब सवा सात बजे कहा, ‘निकासी प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है.' अधिकारियों ने बताया कि निवासियों, उनके वाहनों और पालतू जानवरों को सुबह सात बजे तक बाहर ले जाना था जबकि निजी सुरक्षाकर्मी एवं अन्य कर्मचारियों को भी अपराह्न एक बजे तक दोनों सोसाइटी से हटा दिया जाएगा. दोनों अवैध टावर को दोपहर ढाई बजे ढहाया जाएगा.
पास की दो सोसाइटी में रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति बंद
नोएडा में ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण की तैयारी के बीच पास की दो सोसाइटी में रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति बंद की गई.
मात्र 24 सेकेंड में कुछ यूं जमींदोज हो जाएगी इमारत
पहले बॉक्स को चार्ज किया जाएगा और उसके बाद बटन ट्रिगर दबाया जाएगा.
इसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स में करंट की सप्लाई शुरू हो जाएगी और धमाका होने लगेगा.
इस दौरान तकरीबन 9 सेकेंड में पूरा ब्लास्ट होगा. 13 से 15 सेकेंड में पूरी इमारत मलबे का ढेर बन जाएगी.
यह ब्लास्ट डी लेयर्स के मुताबिक होगा लेकिन देखने में महसूस होगा कि दोनों इमारतों में सारा धमाका एक साथ किया गया है.
बीते 20 दिनों से बारूद लोड करने का काम किया जा रहा है. धमाके के समय में हल्का सा भूकंप का झटका लगने का आभास हो सकता है. हालांकि, यह बहुत ही सामान्य होगा.
दक्षिण अफ्रीका की कंपनी जेट डिमोलिशन के डायरेक्टर जो ब्रिंकमैन ने इस इमारत में ब्लास्ट करने का डिजाइन तैयार किया है.
फाइनल ट्रिगर प्वाइंट चेतन दत्ता दबाएंगे. उस वक्त उनके साथ जो ब्रिंकमैन सहित छह लोगों की टीम मौजूद रहेगी.
ये दोनों इमारतें हाई सिसमिक जोन में हैं. इस वजह से लंदन की कंपनी से इसका पूरा सर्वे भी करवाया गया है.
धमाके के बाद धूल का गुबार उठेगा जो कुछ देर के बाद स्वत: छंट जाएगा.
आखिर क्यों गिराई जा रही कुतुबमीनार से ऊंचे ट्विन टावर्स
सुपरटेक ट्विन टावर साल 2009 में बना था. इस प्रोजेक्ट में करीब 1000 फ्लैट्स बनाए जाने थे. लेकिन बाद में बिल्डिंग के प्लान में बदलाव किया गया. इसके बाद कई खरीदार साल 2012 में इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए. इसमें से 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे. जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है. इस मामले में 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा प्रधिकरण को फटकार लगाई और इस प्रोजेक्ट को अवैध घोषित करके ध्वस्त करने का आरोप दे दिया. इसके बाद सुपरटेक कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने तब हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे गिराने का आदेश दे दिया.
आज दोपहर ढाई बजे ध्वस्त होगा नोएडा का ट्विन टावर
नोएडा के सेक्टर-93ए में बना सुपरटेक ट्विन टावर आज यानी रविवार दोपहर ढाई बजे ध्वस्त कर दिया जाएगा. 40 मंजिला इमारत को गिराने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. यहां न केवल पुलिस फोर्स की भारी संख्या में तैनाती है बल्कि नोएडा अथॉरिटी कंट्रोल रूम के माध्यम से इस ध्वस्तीकरण अभियान पर पुलिस, मेडिकल और इनवायरमेंट विभाग ने अपनी नजरें गड़ा दी हैं.