Agra News: ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में व्यवसायिक कार्य करने वाले व्यापारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने 500 मीटर के दायरे में होने वाले व्यवसाय कार्य पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. जिसे आज अदालत में सुनवाई के दौरान स्थगित कर दिया गया है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एडीए द्वारा व्यापारियों को दिए गए नोटिस वापस लेने का भी निर्देश दिया है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सर्वे रिपोर्ट नीरी से तलब की है. कोर्ट के इस आदेश के बाद ताजगंज के व्यापारी जश्न मना रहे हैं.
बता दें, विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल के 500 मीटर के क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद से व्यापारियों में बेचैनी बढ़ गई थी. इसके साथ ही आगरा विकास प्राधिकरण ने तमाम व्यापारियों को नोटिस दे दिए थे. जिससे व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया था.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पर्यटन व्यवसाय से जुड़े करीब 50,000 परिवार बेचैनी की हालत में आ गए थे, और उनके सामने अपने परिवार को चलाने का संकट खड़ा हो गया था. इसके बाद व्यापारियों ने मुख्यमंत्री, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन से अनुरोध किया व अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखने के लिए 3 महीने की मोहलत मांगी. इसके बाद आगरा विकास प्राधिकरण की बैठक हुई और व्यापारियों को 3 महीने का समय दे दिया गया.
ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन के नाम से संगठन बनाकर ताजगंज के व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार के लिए जनहित याचिका दाखिल की थी. फाउंडेशन के अध्यक्ष नितिन सिंह ने बताया कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के आदेश को पूर्ण रूप से खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर की परिधि में व्यापारिक गतिविधियों पर रोक लगाने वाले आदेश को खारिज करते हुए नीरी से सर्वे कर रिपोर्ट मांगी है. दरअसल, 1999 में एक आयोजन के दौरान ध्वनि प्रदूषण से ताजमहल को नुकसान होने की बात को ध्यान में रखते हुए नीरी एक सर्वे करेगी और व्यवसायिक गतिविधियों से ताजमहल को कोई नुकसान तो नहीं हो रहा इसकी रिपोर्ट सौंपेगी.
रिपोर्ट- राघवेन्द्र गहलोत, आगरा