Noida: ट्विन टावर्स को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिया एक सप्ताह का समय, 432 करोड़ रुपये का है मामला
सुनवाई के दौरान नोएडा ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि विध्वंस से पहले कुछ काम 25 अगस्त तक पूरे करने हैं. नियमों के उल्लंघन के लिए अवैध पाए गए टावरों को ध्वस्त करने के लिए पहले की तारीख 22 मई, 2022 थी. विध्वंस के लिए नियुक्त एजेंसी एडिफिस इंजीनियरिंग द्वारा...
Noida News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड परियोजना के तहत बने 40-मंजिला टावरों के विध्वंस के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने नोएडा प्राधिकरण की दलीलों से सहमति जताई और ट्विन टावरों के विध्वंस में किसी भी तकनीकी देरी या मौसम की स्थिति के मामले में एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है.
तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था…
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने की समय सीमा 28 अगस्त तक बढ़ा दिया था. वहीं, सुनवाई के दौरान नोएडा ने शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि विध्वंस से पहले कुछ काम 25 अगस्त तक पूरे करने हैं. नियमों के उल्लंघन के लिए अवैध पाए गए टावरों को ध्वस्त करने के लिए पहले की तारीख 22 मई, 2022 थी. विध्वंस के लिए नियुक्त एजेंसी एडिफिस इंजीनियरिंग द्वारा समय मांगे जाने के बाद इसे तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था.
खरीदारों को रुपये वापस करने का आदेश दिया
इससे पहले सुपरटेक के लिए अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स (आईआरपी) द्वारा टावरों को ध्वस्त करने के लिए समय के विस्तार के लिए आवेदन किया गया था. इसमें कहा गया था कि एडिफिस इंजीनियरिंग द्वारा किए गए परीक्षण विस्फोट के बाद यह पाया गया कि संरचना अपेक्षा से अधिक मजबूत और अधिक स्थिर थी. लगभग 432 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान न करने के लिए रियल एस्टेट प्रमुख के खिलाफ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनसीएलटी द्वारा आईआरपी को सुपरटेक लिमिटेड के बोर्ड के लिए नियुक्त किया गया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 11 अप्रैल, 2014 के फैसले के खिलाफ और घर खरीदारों द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच पर आया था, जिसने चार महीने के भीतर दो इमारतों को ध्वस्त करने और अपार्टमेंट खरीदारों को रुपये वापस करने का आदेश दिया था.