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Supreme Court: आरोपी की जगह महिलाओं को रात में घर से उठा ले गई पुलिस, फिर किया ये काम, प्रमख सचिव गृह-आईजी तलब

बहराइच के पीड़ित पक्ष ने कोर्ट को बताया कि 50 वर्षीय महिला के घर पुलिस रात में बिना सर्च वारंट के पहुंची. इसके बाद आरोपी की जगह महिलाओं को गैरकानूनी तरीके से पकड़कर थाने ले गई. उनके साथ छेड़छाड़ की गई. महिला ने इसका वीडियो बना लिया. बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर महिलाओं की रिहाई हो सकी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 21, 2023 9:21 PM

Lucknow: प्रदेश के बहराइच जनपद में फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए उसके घर की दो महिलाओं को अवैध तरीके से पकड़कर थाने में लाना पुलिस को महंगा पड़ा है. पुलिस की इस करतूत पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है. मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह, गोरखपुर जोन के आईजी के साथ बहराइच के पुलिस अधीक्षक, संबंधित महिला थानाध्यक्ष और कोतवाल देहात को नोटिस जारी करते हुए तलब किया है.

घटनाक्रम बहराइच जनपद में झाड़-फूंक के बहाने किशोरी से दुष्कर्म से संबंधित है. इसमें हाईकोर्ट के आदेश के बाद महिलाओं की रिहाई हुई थी. पुलिस ने गलत तरीके से इनको हिरासत में लिया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की गई थी.

इसकी सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष ने कोर्ट को बताया कि देहात कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली 50 वर्षीय महिला के घर कोतवाल सत्येंद्र बहादुर सिंह ने अपनी टीम के साथ रात में दबिश दी. पुलिस के पास सर्च वारंट भी नहीं था. इसके बावजूद वह कानून को ताक पर रखकर महिला के घर में पहुंची.

पीड़ित पक्ष की बातों को सुने बिना कोतवाल महिला और उसकी ननद को अपने साथ रात में ही ले गई. इसके बाद दोनों को महिला थाने लाकर बंद कर दिया गया. आरोप है कि इस दौरान महिला से छेड़छाड़ और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया.

महिला ने पुलिस की इस करतूत का वीडियो बना लिया. पुलिस की इस गैरकानूनी तरीके से की गई गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों महिलाओं को रिहाई संभव हो सकी.

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इसके बाद परिजनों ने महिला की अवैध तरीके से की गई गिरफ्तारी, बिना वारंट लॉकप में रखने और जेल नहीं भेजने को चुनौती दी. पीड़ित के अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई के दौरान मामले में कड़ा रवैया अपनाया.

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में प्रमुख सचिव गृह, आईजी जोन गोरखपुर, बहराइच के पुलिस अधीक्षक, संबंधित महिला थानाध्यक्ष और कोतवाल को नोटिस जारी किया है. इन सभी को 28 जनवरी को तलब किया गया है.

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