Surya Grahan 2022 Today: सूर्यग्रहण में क्या करें और क्या न करें, बता रहे पीठाधीश्वर नित्य किशोर पुरोहित
समुद्र मंथन में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धरकर अमृत वितरित किया था. राहु नामक दैत्य ने देवता का रूप रखकर धोखे से अमृत पी लिया था. यह सब सूर्य और चंद्रमा देख रहे थे, उन्होंने नारायण को बताया. नारायण मोहिनी रूप से चतुर्भुज रूप में आए और राहु पर अपना चक्र चलाया और राहु का वध कर दिया.
Solar Eclipse Today: दीपावली के बाद आज 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है, यह इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण है. सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. सूर्य ग्रहण कब से कब तक है ? सूर्य ग्रहण के सूतक कब से शुरू हुए ? सूर्य ग्रहण में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए ? बता रहे हैं गोवर्धन के मुरली मनोहर पीठाधीश्वर नित्य किशोर पुरोहित …
सूर्यग्रहण पड़ने की यह है कहानी
समुद्र मंथन में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धरकर अमृत वितरित किया था. राहु नामक दैत्य ने देवता का रूप रखकर धोखे से अमृत पी लिया था. यह सब सूर्य और चंद्रमा देख रहे थे, उन्होंने नारायण को बताया. नारायण मोहिनी रूप से चतुर्भुज रूप में आए और राहु पर अपना चक्र चलाया और राहु का वध कर दिया. वही राहु सूर्य और चंद्रमा से बैर का बदला लेता है. जब राहु चंद्रमा को ग्रसित करता है, तो चंद्रग्रहण होता है और जब सूर्य को ग्रसित करता है तो सूर्य ग्रहण होता है.
सूर्यग्रहण के सूतक का समय, ये करें सूतक में
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले तक शुरू हो जाते हैं. 25 अक्टूबर को सुबह 4.31 से सूतक शुरू हो जाएंगे. सूतक में कई चीजों के करने की मनाही होती है और कई कामों को करने का विधान होता है.
– सूतक में गर्भवती महिलाएं कोई भी फल और सब्जी न काटे और ना ही कोई चीज बुनें.
– सभी भोज्य सामग्री पर कुशा या तो तुलसा जी रख दें.
– कुशि और तुलसी अपनी जेब में रखें अपने पास या अपने शिखा में लगा लें.
– घर में अंदर ही रहें.
सूर्यग्रहण का समय
25 अक्टूबर सूर्यग्रहण को सुबह 11. 28 से शुरू हो जाएगा और शाम 6.33 मिनट तक रहेगा, लेकिन भारत में यह ग्रहण 4.22 से दिखना शुरू हो जाएगा और 5. 26 मिनट तक रहेगा. अलग-अलग मत, पत्रा के अनुसार सूतक और सूर्यग्रहण के समय में 15-20 मिनट का अंतर हो सकता है.
सूर्यग्रहण में यह करें
सूर्य ग्रहण वाले समय क्या करना चाहिए ? इसका भी ध्यान रखना जरूरी है.
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गर्भवती महिलाओं को अपने गर्भ पर गेरू का हल्का सा लेपन करना चाहिए और अपने पास कुशा या तुलसी रखना चाहिए.
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रोगी या परिजन हनुमान बाहुक का पाठ करें और हाथ योगी के मुख पर फेर दें.
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कोर्ट, कचहरी आदि मामलों में पड़े हुए लोग आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
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चारों ओर से परेशानियों में जो घिरे हुए हैं, वह गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें.
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गुरु मंत्र, गायत्री मंत्र, सुंदर काण्ड, रामायण का पाठ भी कर सकते हैं.
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सूर्य ग्रहण से पहले परिवार के सभी सदस्यों के एक-एक कपड़े, कुछ अनाज, कुछ धन छत पर, बालकनी या बरामदे में रख दें. उसको सूर्य ग्रहण के बाद दान कर दें.
सूर्यग्रहण में यह न करें
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए ? यह भी जानना जरूरी है. सूर्यग्रहण में रोगी, वयोवृद्ध, नवजात व छोटे बच्चों को छूट दी गई है.
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भोजन नहीं करना चाहिए
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हवन नहीं करना चाहिए
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बिना जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें. बाहर निकलना पड़े, तो अपने पास कुशा या तुलसी रखें.