UP Election 2022: पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का BJP पर तंज, बोले- नौकरी देते नहीं, लाठियां चटका रहे

स्वामी प्रसाद मौर्य के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट किया गया है, ‘नौकरियां तो मिलती नहीं, लाठियां चटक रही हैं, मांगे हक किसान तो, लाठियां बरस रही हैं, धोखा किसान सम्मान का, खेत गोरू चर रही हैं, चुनाव 2022 में, भाजपा की विदाई हो रही है, साइकिल ने पकड़ी रफ्तार, सपा सरकार आ रही है.’

By Prabhat Khabar News Desk | January 29, 2022 2:40 PM
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Lucknow News: प्रदेश की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य जबसे सपा की सरकार पर सवार हुए हैं, तबसे वे सूबे की योगी सरकार पर हमलावर बने हुए हैं. उन्होंने शनिवार को सोयाल मीडिया में एक ट्वीट कर भाजपा सरकार पर हल्ला बोला है.

स्वामी प्रसाद मौर्य के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट किया गया है, ‘नौकरियां तो मिलती नहीं, लाठियां चटक रही हैं, मांगे हक किसान तो, लाठियां बरस रही हैं, धोखा किसान सम्मान का, खेत गोरू चर रही हैं, चुनाव 2022 में, भाजपा की विदाई हो रही है, साइकिल ने पकड़ी रफ्तार, सपा सरकार आ रही है.’ इस संदेश के साथ ही उन्होंने अपनी एक तस्वीर भी विक्ट्री का साइन दिखाते हुए शेयर की है.

बेटी संघमित्रा हैं भाजपा सांसद

बता दें कि भाजपा से बगावत कर चुके स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी से ही सांसद हैं. उन्होंने हाल ही में एक बयान देते हुए यह कहा था कि वह अपने पिता के खिलाफ चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगी. पत्रकारों ने जब उनसे यह पूछा कि यदि शीर्ष नेतृत्व की ओर ऐसा करने का आदेश आया तो उन्होंने कहा कि वह इसके लिए स्वयं बात करके पार्टी के शीर्ष नेताओं के सामने अपनी दुविधा रखेंगी. संघमित्रा ने यह भी कहा था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके पिता ने सपा का किला ढहा दिया था. बदायूं में अब लगातार दिख भी रहा है कि उसकी एक-एक ईंट ध्वस्त हो चुकी है. उन्होंने इसके आगे कहा था कि आने वाले समय में पता भी नहीं चलेगा कि किला बना कहां था.

मौर्य का जीवन परिचय

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य को यूपी में ओबीसी की राजनीति करने के लिए जाना जाता है. स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी की सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक चुने गए थे. साल 2012 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इन्होंने यूपी की पडरौना विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था. वह कोइरी समुदाय से हैं.

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