Kanpur News: रामचरितमानस मानस पर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का रुख नहीं बदल रहा है. स्वामी प्रसाद सोमवार की रात को पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सागर के घर वैवाहिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. उन्होंने फिर से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री को पाखंडी कहा है. साथ ही मौर्य का कहना है कि मेरे बयान से सिर्फ मुट्ठी भर लोगों के पेट में दर्द है. धीरेंद्र शास्त्री पाखंड को बढ़ावा दे रहे हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि उन्होंने रामचरितमानस को बैन करने कि मांग नहीं की है, बल्कि उस अंश को हटाने को कहा है, जिसमें महिलाओं, दलितों और आदिवासियों को गाली दी गई है. धर्म का चोला ओढ़कर अपराधी बैठे हैं, हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास के द्वारा इनाम घोषित किए जाने पर स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि साधु, संत, धर्माचार्यों को गुस्सा नहीं आता है. और गुस्सा आ भी जाए तो श्राप देते हैं, जिससे सबका काम तमाम हो जाता है. लेकिन सिर काटने वाले अपराधी के रूप में बैठे संत, धर्म की आड़ लेकर बैठे हैं.
सबसे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने दिया था विवादित बयान
दरअसल, श्रीरामचरितमानस पर सबसे पहले विवादित बयान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद ने दिया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी श्रीरामचरितमानस को लेकर बड़ा विवादित बयान दिया है. ऐसे में दोनों नेता साधु-संतों के निशाने पर आ गए हैं.
चंद्रशेखर और स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अयोध्या कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गई है. प्रयागराज में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने भी दोनों नेताओं के विवादित बयान की कड़ी निंदा की है.