गांधी परिवार के करीबी थे पूर्व राज्यपाल सैय्यद सिब्ते रजी, राजीव गांधी की 78वीं जयंती पर तोड़ा दम
सैय्यद सिब्ते रजी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के खास थे. उनको इंदिरा गांधी की सिफारिश पर वर्ष 1969 में युवा कांग्रेस में पद मिला. उनकी मेहनत के बाद इंदिरा गांधी ने वर्ष 1971 यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.
Syed Sibte Razi Passed Away: गांधी परिवार के खास पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व सांसद सैय्यद सिब्ते रजी का शनिवार को 79 वर्ष की आयु में इलाज के दौरान इंतकाल (निधन) हो गया. उनका लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा था. उनका जन्म कांग्रेस के गढ़ रायबरेली (यूपी) में 7 मार्च 1939 को हुआ था.
इंदिरा गांधी ने की थी सिफारिश
वेे पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के खास थे. उनको इंदिरा गांधी की सिफारिश पर वर्ष 1969 में युवा कांग्रेस में पद मिला. उनकी मेहनत के बाद इंदिरा गांधी ने वर्ष 1971 यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद वर्ष 1980 में राज्यसभा सदस्य के रूप में राज्यसभा भेजा गया. वह इस दौरान यूपी कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रहे. इंदिरा गांधी की मौत के बाद वह राजीव गांधी के भरोसेमंद हो गए. उनको राजीव गांधी ने दूसरी बार 1988 से 1992 तक राजसभा के लिए भेजा. मगर बीच में ही राजीव गांधी की हत्या हो गई.जिसके चलते यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी पसंद करती थीं. उन्होंने तीसरी बार 1992 से 1998 तक राज्यसभा के लिए भिजवाया. कांग्रेस की 2005 की सरकार में सोनिया गांधी ने उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए राज्यपाल भी बनाया था. वह असम और झारखंड के राज्यपाल बन थे. मगर राजीव गांधी के खास सैय्यद सिब्ते रजी ने उनकी 78वीं जयंती पर ही अंतिम सांस ली.
राष्ट्रपति एपीजे कलाम ने पलटा था फैसला
मरहूम सैय्यद सिब्ते रजी मार्च 2005 में झारखंड के राज्यपाल थे.उन्होंने सरकार में एनडीए के सदस्यों की संख्या को नज़र अन्दाज़ कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दे दिया.इससे काफी विवाद हुआ.एनडीए ने तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने हस्तक्षेप किया.इसके बाद राज्यपाल सिब्ते रज़ी के निर्णय को पलटकर एनडीए के अर्जुन मुंडा को 13 मार्च 2005 को राज्यपाल सैय्यद सिब्ते रजी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी.
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स्पेशल रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद