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Agra: प्राइमरी टीचर ने फर्जी सोसाइटी बनाकर मिड-डे-मील में किया 11 करोड़ का घोटाला, नप सकते हैं कई अधिकारी

Agra News: बेसिक शिक्षा विभाग में मिड डे मील के नाम पर करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है. मिड डे मील योजना में एक सरकारी टीचर ने करीब 11 करोड़ 40 लाख का घोटाला किया है. विजिलेंस विभाग द्वारा की गई जानकारी में यह मामला सामने आया.

Agra News: बेसिक शिक्षा विभाग में मिड डे मील के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया है. मिड डे मील योजना में एक सरकारी टीचर ने करीब 11 करोड़ 40 लाख का घोटाला किया है. विजिलेंस विभाग द्वारा की गई जानकारी में यह मामला सामने आया. शिक्षक ने घोटाले के पैसों से करोड़ों रुपए की संपत्ति बनाई है. विजिलेंस की टीम ने इस संबंध में शिक्षक के साथ-साथ बैंक अधिकारियों और कई विभागों के अधिकारियों पर केस दर्ज किया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई जिसमें फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद में तैनात प्राइमरी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा को इस मिड डे मील घोटाले का मास्टरमाइंड बनाया गया है. विजिलेंस की जांच में जानकारी मिली की साल 2006 में प्राइमरी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति के नाम से एक संस्था का पंजीकरण चिटफंड कार्यालय में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराया था. साल 2008 में प्राइमरी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने बेसिक शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों के साथ मिलकर फिरोजाबाद जिले में सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील का काम ले लिया.

विजिलेंस ने जब इस पूरे मामले की जांच पड़ताल गहनता से की तो इसमें कई ऐसे पहलू सामने आए जो अपने आप में चौंकाने वाले थे. शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने अपने पिता को संस्था का अध्यक्ष बनाया और मां को प्रबंधक व सचिव और पत्नी को कोषाध्यक्ष बनाया. साथ ही अपने परिवार के कई सदस्यों को शिक्षक द्वारा संस्था में पदाधिकारी बनाया गया. शिक्षक को मिड डे मील का जब काम मिला तो उसने अपने माता-पिता को मृत घोषित कर दिया. और खुद सुनील शर्मा के नाम से संस्था का कोषाध्यक्ष बन गया. जबकि, शिक्षक चंद्रकांत शर्मा के माता पिता अभी भी जीवित है.

मिड डे मील घोटाले में शिक्षक को आवंटित की गई 114648500 रुपये की राशि के बारे में जब विजिलेंस की टीम ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि शिक्षक द्वारा बनाई गई संस्था को 2008 से 2014 तक के लिए फिरोजाबाद जिले में मिड डे मील का काम मिला था. इसके लिए संस्था के पंजाब नेशनल बैंक में मौजूद खाते में भुगतान किया गया था. इसके बाद शिक्षक ने बैंक के अधिकारियों से मिलीभगत कर यह रकम संस्था के खाते से आगरा की कई बैंकों में सुनील शर्मा के नाम से खोले गए फर्जी खातों में ट्रांसफर करवाली और रकम को अपने तरीके से जगह-जगह खर्च किया गया.

विजिलेंस इंस्पेक्टर अमर सिंह के अनुसार, आरोपी शिक्षक ने घोटाले की रकम फिरोजाबाद जिले में कई प्रॉपर्टी खरीदी. और इन प्रॉपर्टी पर बिना नक्शा पास कराए कई सारे निर्माण भी कराए. वहीं दूसरी तरफ शिक्षक ने इन सभी भूखंडों पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर बिजली कनेक्शन भी ले लिए.

विजिलेंस विभाग के अनुसार, विभाग में हुए मिड डे मील घोटाले में आरोपी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा के साथ ही साथ विभाग के अधिकारी शामिल हैं. जिसमें शिक्षा विभाग, मिड डे मील समन्वयक, डाक विभाग, आवास विकास परिषद, नगर निगम फिरोजाबाद, उप निबंधन चिटफंड, टोरेंट पावर के साथ ही पीएनबी बैंक शिकोहाबाद, एक्सिस बैंक आगरा, सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कॉरपोरेशन बैंक के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

रिपोर्ट- राघवेंद्र गहलोत

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