Bareilly News: यूपी में हाईकोर्ट के फैसले के बाद नगर निकाय चुनाव कई महीनों के लिए टल गए हैं, जिसके चलते नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया है. तो वहीं जिनका बचा है. उनका जनवरी में खत्म हो जाएगा. इसलिए निकायों में प्रशासनिक व्यवस्था लागू होने लगी है. बरेली नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल 23 जनवरी को खत्म होगा.
नगर पालिका आंवला बोर्ड का कार्यकाल पिछले साल 23 दिसंबर को खत्म हो चुका है, जबकि बहेड़ी बोर्ड का 6 जनवरी, फरीदपुर का 7 जनवरी, नवाबगंज 17 जनवरी, नगर पंचायत फरीदपुर बोर्ड का कार्यकाल पिछले साल 18 दिसंबर, रिठौरा का 31 दिसंबर, रिछा का 14 दिसंबर, नगर पंचायत विशारतगंज, मीरगंज, ठिरिया निजावत खां, सिरौली, फतेहगंज पश्चिमी, शेरगढ़, शाही, धौराटांडा और देवरनिया का 6 जनवरी, फतेहगंज पूर्वी का 7 जनवरी, शीशगढ़ का 5 जनवरी को कार्यकाल पूरा हो चुका है. यहां प्रशासक तैनात हो चुके हैं.
शासनादेश के मुताबिक, बरेली नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने पर संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है. समिति के डीएम अध्यक्ष, और नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स एवं मुख्य कोषाधिकारी पारसनाथ गुप्ता सहयोगी नामित किए गए हैं.इसके साथ ही नगर पालिका, और नगर पंचायत में एडीएम ई, एसडीएम और ईओ रहेंगे.
नगर पंचायत, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर निगम के मेयर (महापौर) और सभासद/पार्षद के कार्यकाल खत्म होने के बाद विकास कार्य प्रभावित होना तय हैं. ये चिंता लोगों में भी आई है. उनके वार्ड में हो रहे विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे. अगर, उनके वार्ड में धनराशि आवंटित हो गई है तो नाली, खड़ंजा, सीवर लाइन, पाइप लाइन आदि का कार्य नए नगर निकाय चुनाव तक पूरा होगा या नहीं. निकायों के ठेकेदारों में भी यह डर है कि, विकास कार्यों के लिए मिलने वाली राशि कहीं, लंबे समय के लिए अटक तो नहीं जाएगी.
हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर करीब 89 याचिकाओं पर सुनवाई की थी. 27 दिसंबर को हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया का अनुपालन करने के निर्देश दिए थे. जिसके चलते सरकार ने पांच सदस्यीय आय़ोग गठित किया है. आयोग ने मंडलवार ओबीसी जनसंख्या और चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट की रिपोर्ट मंगानी शुरू कर दी है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली