किसान आंदोलन के खिलाफ सरकार का रुख सख्त, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात, बड़ी कार्रवाई संभव
Peasant movement, Ghazipur border, Big action : नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद सरकार सख्त है. केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कई किसान संगठन दिल्ली हिंसा के बाद आंदोलन से अलग होकर प्रदर्शन समाप्त कर रहे हैं. वहीं, कुछ जगहों पर प्रशासन ने धरना समाप्त करा दिया है. किसान आंदोलन के खिलाफ सरकार का रुख सख्त है. गाजीपुर बॉर्डर, टिकारी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिये गये हैं. ऐसे में बड़ी कार्रवाई की संभावना जतायी जा रही है.
नयी दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद सरकार सख्त है. केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कई किसान संगठन दिल्ली हिंसा के बाद आंदोलन से अलग होकर प्रदर्शन समाप्त कर रहे हैं. वहीं, कुछ जगहों पर प्रशासन ने धरना समाप्त करा दिया है. किसान आंदोलन के खिलाफ सरकार का रुख सख्त है. गाजीपुर बॉर्डर, टिकारी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिये गये हैं. ऐसे में बड़ी कार्रवाई की संभावना जतायी जा रही है.
Delhi: Heavy security deployment continues at Tikri Border where farmers are protesting against #FarmLaws pic.twitter.com/6gRDMxU9OL
— ANI (@ANI) January 29, 2021
गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद कुछ किसानों में गुस्सा है. उनके गृह जिले में उनके बड़े भाई और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतों में सबसे बड़ी खाप पंचायत के मुखिया नरेश टिकैत ने आज शुक्रवार को महापंचायत बुलायी है.
Police presence continues at Singhu border (Delhi-Haryana border) as the farmers' agitation against the three farm laws continues. Latest visuals from the spot. pic.twitter.com/404XtyWnZS
— ANI (@ANI) January 29, 2021
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार का रवैया भी सख्त है. घटना के दूसरे ही दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक की. इसमें इंटेलिजेन्स ब्यूरो के अधिकारी भी शामिल हुए. अफसरों ने आंदोलनकारी किसानों पर परेड के लिए निर्धारित रूट की शर्तो का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. अमित शाह ने संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिये हैं.
Uttar Pradesh police and Provincial Armed Constabulary (PAC) deployed at Ghazipur border since yesterday evening, leaves the protest site in police and PAC vehicles. pic.twitter.com/SSYnnRczdZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 28, 2021
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के लिए दोषी ठहरा रही है. साथ ही कहा है कि, ”दिल्ली पुलिस की ओर से भेजे जा रहे नोटिसों से हम नहीं डरेंगे. जवाब देंगे.”
जानकारी के मुताबिक, नये कृषि कानूनों के विरोध में दलित प्रेरणा स्थल पर पिछले 58 दिनों से डटी भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने गुरुवार को प्रदर्शन खत्म करने की घोषणा की. वहीं, भारतीय किसान यूनियन भानू एक दिन पहले ही बुधवार को चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन समाप्त कर दिया था. दोनों संगठनों ने दिल्ली हिंसा के बाद विरोध प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया है.
इधर, दिल्ली हिंसा के बाद हाई अलर्ट पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले 40 दिनों से चल रहे धरने को समाप्त करा दिया है. बताया जाता है कि बागपत पुलिस ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर बैठे किसानों को खदेड़ दिया. उनके टेंट उखाड़ कर फेंक दिये. प्रदर्शनस्थल पर तनाव की आशंका के मद्देनजर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है.
दिल्ली की ट्रैक्टर परेड में शामिल उत्तर प्रदेश के बड़ौत के किसानों ने भी विरोध प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया है. बड़ौत में भी नये कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 40 दिनों से पूर्व खाप चौधरी सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में किसान धरने पर बैठे थे. सुरेन्द्र सिंह के हटने के बाद दूसरे खापों के चौधरियों ने धरने का नेतृत्व संभाला. लेकिन, खाप चौधरी सुरेंद्र सिंह के दोबारा लौटने पर प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को हटा दिया.