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Gorakhpur RTO कर्मचारी की मिलीभगत से चोरी की बाइक बेचते थे चोर, 100 से ज्‍यादा बेची गाड़‍ियां, 3 गिरफ्तार

एसपी नॉर्थ मनोज अवस्थी ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि गाड़ी चोरी कर उसे दूसरे जिले और नेपाल में बेचने वाले गिरोह के सदस्य जाली दस्तावेज बनाकर यह काम कर रहे हैं. इस सूचना पर क्राइम ब्रांच और गुलरिया थाने की पुलिस ने 3 वाहन चोरों को गिरफ्तार किया.

Gorakhpur News: गोरखपुर पुलिस को चोरी की गाड़ियां बेचने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल हुई है. कुशीनगर व महाराजगंज जिले के रहने वाली तीन आरोपितों को गोरखपुर के क्राइम ब्रांच व गुलरिया पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने चोरी की दो कार व आठ बाइक बरामद की है. पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा है. यह बदमाश चोरी की गाड़ियों का नकली पेपर बनवा कर नेपाल व आसपास के जिलों में बेचने का काम करते थे. आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा था.

ऐसे लगा सुराग

एसपी नॉर्थ मनोज अवस्थी ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि गाड़ी चोरी कर उसे दूसरे जिले और नेपाल में बेचने वाले गिरोह के सदस्य जाली दस्तावेज बनाकर यह काम कर रहे हैं. इस सूचना पर क्राइम ब्रांच और गुलरिया थाने की पुलिस ने 3 वाहन चोरों को गिरफ्तार किया. इनकी पहचान महाराजगंज जिले के निचलौल के कृष्णा नगर कस्बा में स्थित पूर्वांचल कार बाजार के संचालक अफजल, बढ़ईपुरवा निवासी मोहम्मद इमरान और कुशीनगर जिले की मंसूरगंज निवासी अरविंद पांडे के रूप में हुई है. पूछताछ में पता चला कि महाराजगंज जिले के बढ़ईपुरवा के रहने वाले मोहम्मद इमरान चोरी की गाड़ी को महाराजगंज जिले के ही सिंदुरिया के निवासी राजन गुप्ता व महाराजगंज जिले के ही ठूठीबारी के किशुनपुर निवासी मिथिलेश मिश्रा से खरीदा था. उसके बाद अपने परिचित आरटीओ कर्मचारी की मदद से अरविंद पांडे चोरी के वाहन का दस्तावेज बनवाता था. उसके बाद आरोपी अफजल अपनी कार बाजार से इन वाहनों को अगल-बगल के जिले व नेपाल में बेचता था. पूछताछ में आरोपियों ने अभी तक 100 से अधिक गाड़ी बेचने की बात कबूली है.

मोबाइल एप्‍प से जानी हकीकत

एसपी नॉर्थ ने बताया कि पिपराइच थाना क्षेत्र के बैलों गांव निवासी यासीन की बाइक 31 अक्टूबर 2021 को भटहट कस्बे से चोरी हो गई थी. यासीन ने इसका मुकदमा थाने पर दर्ज कराया था लेकिन गाड़ी नहीं मिली. काफी दिन के बाद जब पीड़ित ने मोबाइल ऐप के जरिए अपने गाड़ी का नंबर डालकर चेक किया तो पता चला कि उसकी बाइक जनवरी 2022 में महाराजगंज जिले के मोहम्मदपुर छपिया निवासी एक व्यक्ति के नाम से ट्रांसफर हो गई है. उसके बाद से पीड़ित ने आरटीओ कार्यालय से बाइक खरीदने वाले का पता किया. मोबाइल नंबर निकाल कर उससे बात की. बाइक वापस करने के लिए पीड़ित ने बाइक खरीदने वाले को पैसे का लालच दिया. इस पूरी घटना की जानकारी पीड़ित ने पुलिस को दे दी थी जब बाइक खरीदने वाला पीड़ित को बाइक बेचने के लिए आया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पूछताछ के बाद सारा मामला खुल गया.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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