UP Election 2022: रैली पर रोक के चलते प्रचार से मात खा रहे दलों को आज ECI से लगी आस, वजह है खास
साल 2022 में सभी को डिजिटल प्रचार यात्रा का सहारा लेने की छूट दी गई है. चुनाव आयोग ने यूपी में बढ़ रहे कोरोना के मामलों की रफ्तार को देखते हुए चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव प्रचार के पुराने तरीकों पर रोक लगा दी थी.
Lucknow News: इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) शनिवार को उत्तर प्रदेश में रैलियों, पदयात्राओं और जनसभाओं पर लगाई गई रोक की समीक्षा करेगी. इस अहम बैठक पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है. दरअसल, यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों को पहली बार पदयात्रा, जनसभा, रैली, साइकिल रैली और बाइक रैली के लिए प्रतिबंधित किया गया है. साल 2022 में सभी को डिजिटल प्रचार यात्रा का सहारा लेने की छूट दी गई है. चुनाव आयोग ने यूपी में बढ़ रहे कोरोना के मामलों की रफ्तार को देखते हुए चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव प्रचार के पुराने तरीकों पर रोक लगा दी थी.
यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देश के मद्देनजर 22 जनवरी तक पूरे यूपी में शारीरिक रैलियों, रोड शो, पदयात्राओं और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राजनीतिक दलों से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल और डिजिटल प्रचार करने का आग्रह किया गया था. चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए थे, जिन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंघन न हो.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए कोविड दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए डीएम को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. उत्तर प्रदेश ने अब तक 24.29 करोड़ खुराक देकर कोविड -19 टीकाकरण में तेजी लाई थी. जहां 18 वर्ष से अधिक आयु के 96.47 प्रतिशत पात्र लोगों को पहली खुराक मिली, वहीं 63.06 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक दी गईं. 15-17 आयु वर्ग के 70.92 लाख बच्चों को उनकी पहली खुराक दी गई. 6.52 लाख पात्र लोगों को ऐहतियाती खुराक दी गई. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य को उम्मीद है कि जनवरी के अंत तक पहली खुराक के साथ 18 साल से ऊपर की पूरी पात्र आबादी को कवर किया जाएगा.