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Chamki At Taj: गरजती बिजली और घुमड़ते बादल के चलते ताजमहल की चमकी हो गई ‘धुंधली’, मायूस हो गए 400 पर्यटक

आगरा में पूरे दिन बरसात होने के चलते बादल छाए रहे. ऐसे में चांद का दीदार नहीं हो पाया. इसी के चलते पर्यटक ताजमहल की चमकी नहीं देख पाए. हालांकि शनिवार के लिए एएसआई द्वारा नियत की गई शनिवार की 400 टिकटें बिक चुकी थी. दरअसल, ताजमहल में जड़े कीमती पत्थरों के चमकने को 'चमकी' कहते हैं.

Chamki At Taj: विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल की चमकी को देखने के लिए पर्यटकों ने टिकट तो बुक करा लिया लेकिन मौसम खराब होने के चलते पर्यटकों को निराशा हाथ लगी. जिले में पूरे दिन बरसात होने के चलते बादल छाए रहे. ऐसे में चांद का दीदार नहीं हो पाया. इसी के चलते पर्यटक ताजमहल की चमकी नहीं देख पाए. हालांकि शनिवार के लिए एएसआई द्वारा नियत की गई शनिवार की 400 टिकटें बिक चुकी थी. दरअसल, ताजमहल में जड़े कीमती पत्थरों के चमकने को ‘चमकी’ कहते हैं.

चांदनी रात में होता है दीदार

शरद पूर्णिमा पर ताजमहल की चमकी देखने के लिए एएसआई द्वारा रात्रि दर्शन की व्यवस्था की जाती है. इसके लिए 1 दिन पहले ही पुरातत्व विभाग के कार्यालय पर टिकटों की बुकिंग करनी होती है लेकिन इस बार मौसम खराब होने के चलते चमकी का दीदार करने वाले पर्यटकों को निराशा का सामना करना पड़ा. ताजमहल को चांदनी रात में देखने के लिए सैकड़ों देसी विदेशी पर्यटक शरद पूर्णिमा का इंतजार करते हैं. एएसआई की व्यवस्था के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दो दिन पहले और दो दिन बाद ताजमहल का पर्यटकों को दीदार कराया जाता है लेकिन इस बार शुक्रवार होने के चलते 7 अक्टूबर को ताजमहल बंद था. ऐसे में 8 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए यह व्यवस्था की गई थी. इसके लिए एक दिन पहले ही पर्यटकों ने पुरातत्व विभाग के कार्यालय पर टिकट बुक कराई थी. पुरातत्व विभाग ने एक रात के लिए 400 पर्यटकों का स्लॉट तय किया था. इसकी टिकट शुक्रवार को ही बिक गई.

बरसात ने बिगाड़ा चमकी का मजा

गुरुवार से ही आगरा में मौसम खराब चल रहा है. लगातार बारिश के चलते घने बादल हो रहे हैं. ऐसे में शनिवार को जिन पर्यटकों को ताजमहल का दीदार करना था वह काफी निराश दिखाई दिए. जिन पर्यटकों ने ताजमहल का चांदनी रात में दीदार करने के लिए टिकट बुक कराई थी. वह लोग शनिवार सुबह से ही मौसम सही होने का इंतजार कर रहे थे लेकिन शाम होने के बाद और घने बादल हो गए और बरसात होने लगी. कई पर्यटक ताजमहल तो पहुंचे लेकिन उन्हें ताज की चमकी का दीदार नहीं हो पाया क्योंकि घने बादलों के चलते चांद ने अपना दीदार नहीं कराया. इसकी वजह से पर्यटकों को अंधेरे में ही ताजमहल देखना पड़ा.

शरद पूर्णिमा पर मेले का होता था आयोजन

ताजमहल के निर्माण में कई ऐसे पत्थर लगाए गए हैं जो चांदनी रात में चमकने लगते हैं. ऐसे में ताजमहल पर चमकी देखने के लिए सालों से पर्यटक आया करते थे. पहले यहां पर शरद पूर्णिमा के समय मेला भी लगता था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह मेला लगना बंद हो गया. आगरा विकास प्राधिकरण ने ताजमहल के पार्श्व में स्थित मेहताब बाग पर ताज व्यूप्वाइंट का निर्माण कराया था. जो पर्यटक टिकट फुल होने के चलते ताजमहल का दीदार नहीं कर पाते वह ताज व्यू प्वाइंट से ताज महल की चमकी का दीदार करते हैं. लेकिन इस बार मौसम खराब होने के चलते और लगातार बारिश के चलते ताज व्यू पॉइंट पर भी सन्नाटा पसरा रहा.

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र‍िपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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