Gorakhpur News: गोरखपुर के कैंपियरगंज पुलिस ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के व्यापारी से हुई लूट की घटना का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. ठगी के शिकार छत्तीसगढ़ के व्यापारी ने पुलिस को झूठी कहानी सुनाई थी. वह वृद्धा आश्रम में 8 लाख रुपये दान देने नहीं बल्कि नेपाल से तस्करी कर लाया गया सोना सस्ते दाम में खरीदने आया था. पुलिस ने इस घटना का पर्दाफाश करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 6 लाख रुपये और 241 नकली सोने के सिक्के बरामद किए हैं. पुलिस ने घटना में प्रयोग की गई मोटरसाइकिल भी बरामद की है. आरोपित देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, संतकबीरनगर और गोरखपुर जिले के रहने वाले हैं.
एसएसपी बिपिन ताडा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग के महावीर कॉलोनी में रहने वाले व्यापारी प्रसन्ना जैन से गुरुवार की शाम कैंपियरगंज थानाक्षेत्र में 8 लाख रुपये की ठगी होने की सूचना दी थी. प्रसन्ना जैन ने पुलिस को बताया था कि 3 माह पहले दुर्ग रेलवे स्टेशन पर संन्यासी के भेष में रामायण सिंह नाम का व्यक्ति मिला था जो देवरिया बघौचघाट की नौगांव का रहने वाला था. मंदिर निर्माण के नाम पर रामायण ने अपने खाते में 2.90 लाख रुपए लिए थे. तीन माह पहले कैंपियरगंज में आश्रम बनवाने का झांसा देकर उसे गोरखपुर बुलाया गया था.
रेलवे स्टेशन रोड स्थित होटल सिद्धार्थ में संन्यासी ने उसकी मुलाकात सरदार नाम के व्यक्ति से कराई थी. दो दिन पहले रामायण ने वृद्धाश्रम के निर्माण के नाम पर 11 लाख रुपये मांगे. अपने साथी संग वह गुरुवार को गोरखपुर पहुंचा. शाम को रामायण फोन करके कैंपियरगंज ओवरब्रिज के नीचे उसे बुलाया और वहां साथियों संग बाइक से पहुंचा. उसके बाद सरदार रुपए का बैग लेकर फरार हो गया. क्राइम ब्रांच के साथ कैंपियरगंज पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि प्रसन्ना जैन वृद्धाश्रम के लिए रुपए दान देने नहीं बल्कि सस्ते दर पर सोना खरीदने के लिए आए थे.
कैंपियरगंज और क्राइम ब्रांच पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर शनिवार को राजपुर गांव के पास से मुख्य आरोपी 45 वर्षीय रामायण सिंह कुशवाहा, 65 वर्षीय लाल बिहारी यादव, 43 वर्षीय राकेश चौधरी, 40 वर्षीय शहाबुद्दीन, 27 वर्षीय एकलाक और 50 वर्षीय खुर्शीद को पीपीगंज से गिरफ्तार किया है. पूछताछ में पता चला कि रामायण ने व्यापारी को बताया था कि वे लोग नेपाल से तस्करी कर सस्ता सोना इंडिया में लाते हैं. उन्होंने बताया था कि बाल्मीकि नगर का शहाबुद्दीन नेपाल से सोना लाता है. पहले यह लोग एक दो सिक्के असली देते थे ताकि विश्वास हो जाए. उसके बाद जब कोई सोना लेने को तैयार हो जाता था तो उसे यह नकली सिक्का दे देते थे. फिर वे वहां से रुपए लेकर फरार हो जाते थे. छत्तीसगढ़ के व्यापारी प्रसन्ना जैन से भी उन्होंने वैसा ही किया था. हालांकि, पीड़ित व्यापारी ने पुलिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि मंदिर और वृद्धाश्रम के निर्माण में दान के लिए उन्हें बुलाया गया था. गोरखपुर आने के बाद बदमाश उनका बैग लेकर फरार हो गए थे.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप