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बरेली पर ट्रिपल अटैक, ठंड-कोहरे के साथ बढ़ा प्रदूषण, राजधानी लखनऊ दुनिया के प्रदूषित शहरों में 32वें स्थान पर

बरेली का एक्यूआई भी काफी बढ़ रहा है. मंगलवार आधी रात को बरेली का एक्यूआई 180 था, जो काफी चिंताजनक है. बरेली में धूल, और धुएं के साथ अलाव से एक्यूआई बढ़ गया है. ठंड के कारण लोग घर से लेकर खुली जगह में अलाव जला रहे हैं. इससे भी प्रदूषण बढ़ रहा है.

Bareilly: उत्तर प्रदेश का बरेली कड़ाके की ठंड एवं घने कोहरे की चपेट में पहले से ही था. मगर, अब प्रदूषण भी बढ़ने लगा है. बुधवार सुबह बरेली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 170 के करीब तक पहुंच गया है, जबकि मंगलवार रात बरेली का AQI 206 था, जो सेहत के लिए काफी खराब है.

यूपी की राजधानी लखनऊ दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में शामिल हो गई है. मंगलवार रात लखनऊ का एक्यूआई 386 था, जिसके चलते लखनऊ दुनिया के प्रदूषित शहरों में 32वें स्थान पर है. इसके साथ ही मेरठ 496 एक्यूआई के कारण 7वें स्थान पर, 418 एक्यूआई के कारण कानपुर 14वें स्थान पर, 357 एक्यूआई के कारण फतेहपुर 44वें स्थान पर, 345 एक्यूआई के कारण गोरखपुर 62वें, गाजियाबाद 343 एक्यूआई के कारण 66वें, बुलंदशहर 337 एक्यूआई के कारण 84वें, और नोएडा 332 एक्यूआई के कारण दुनिया में 90 वें स्थान पर है. यूपी की राजधानी लखनऊ ‘गंभीर’ श्रेणी में है, जो काफी चिंताजनक है.

धुएं, धूल और अलाव से बढ़ा प्रदूषण

बरेली का एक्यूआई भी काफी बढ़ रहा है. मंगलवार आधी रात को बरेली का एक्यूआई 180 था, जो काफी चिंताजनक है. बरेली में धूल, और धुएं के साथ अलाव से एक्यूआई बढ़ गया है. ठंड के कारण लोग घर से लेकर खुली जगह में अलाव जला रहे हैं. इससे भी प्रदूषण बढ़ रहा है. शहर के सिविल लाइंस, राजेंद्रनगर, और सुभाषनगर की हवा सबसे खराब है. इसमें शहर के सिविल लाइंस का एक्यआई 172 ,राजेंद्रनगर का एक्यूआइ 169, सुभाषनगर का 156 है.इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 119, राजेंद्र नगर का 131 और सुभाषनगर का 111 है, जो काफी बताया जा रहा है.

19.5 फीसद होनी चाहिए ऑक्सीजन

इंसान को ऑक्सीजन की जरूरत होती है. इसकी कमी से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है. सांस लेने वाली हवा का ऑक्सीजन स्तर 19.5 प्रतिशत होना चाहिए. इसके नीचे जाने से नुकसान होता है.

मास्क लगाकर घर से निकलें

एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. डॉक्टर एन-95 मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.

यह होना चाहिए एक्यूआई

0 से 50 एक्यूआई है, तो यह बहुत अच्छी बात है. इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 एक्यूआई भी ठीक है. लेकिन. संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. 101 के बाद ठीक नहीं है. 101 से 200 एक्यूआई से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 एक्यूआई काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 एक्यूआई बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 एक्यूआई सबसे अधिक खतरनाक है. इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली

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