Hapur News: पिलखुवा में चादर छपाई वाली फैक्ट्री में दम घुटने से दो सगे भाइयों की मौत, जहरीली गैस से हादसा
मूलत: गढ़मुक्तेश्वर के चित्तौड़ा निवासी शरफू पिछले दस साल से परिवार सहित पिलखुवा स्थित शिवाजी नगर मोहल्ले में किराये के मकान में रहते हैं. शरफू के दो बेटे थे. एक नाम नावेद (22 वर्षीय) और असलम (24 वर्षीय) था. वे दोनों चादर धुलाई का काम करते थे.
Hapur News: हापुड़ जनपद की हैंडलूमनगरी कही जाने वाली पिलखुवा में गुरुवार की सुबह केमिकल की जहरीली गैस की चपेट में आकर दो युवकों की मौत हो गई. मृतक दोनों सगे भाई थे. भाइयों की मौत की सूचना पर एक बहन ने फांसी लगा ली. गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कमरे में सूख रही चादर निकालने पहुंचे थे
मूलत: गढ़मुक्तेश्वर के चित्तौड़ा निवासी शरफू पिछले दस साल से परिवार सहित पिलखुवा स्थित शिवाजी नगर मोहल्ले में किराये के मकान में रहते हैं. शरफू के दो बेटे थे. एक नाम नावेद (22 वर्षीय) और असलम (24 वर्षीय) था. वे दोनों चादर धुलाई का काम करते थे. गुरुवार सुबह वे दोनों न्यू आर्य नगर कॉलोनी में स्थित फैक्ट्री में धुलाई के लिए चादर लेने गए थे. जैसे ही दोनों भाई छपाई के बाद कमरे में सूख रही चादर निकालने के लिए दाखिल हुए तो दोनों बेहोश होकर गिर पड़े. इसके पहले की कोई कुछ समझ पाता दोनों भाइयों की मौत हो गई. काफी देर तक दोनों भाइयों के कमरे से बाहर नहीं आने पर फैक्ट्री में काम कर रहे कारीगर को चिंता हुई और उन्होंने जाकर देखा तो मामले का पता चला.
जहरीली गैस एलानिन ने ली जान
इस संबंध में जानकारी दी गई है कि छपाई के बाद चादर पर कलर पक्का करने के लिए केमिकल का प्रयोग किया जाता है. छपाई के बाद कारीगर चादर को एक कमरे में सूखने के लिए डाल दिया जाता है. अधिक समय तक कमरा बंद होने के कारण केमिकल से एलानिन गैस बन जाती है. एलानिन एक जहरीली गैस है. नावेद और असलम भी इसी गैस की चपेट में आ गए थे. इसी बीच भाइयों की मौत की सूचना पर एक बहन ने फांसी लगा ली. पड़ोसियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है.