श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में आया नया मोड़, दो साध्वियों ने भी डाली अर्जी, जानें क्या है मामला?
मंगलवार को भी कोर्ट ने दोनों साध्वियों के वाद को 6 जुलाई 2022 को ही सुनने के लिये Put on Fixed Date का आदेश दिया है. साध्वियों के अनुसार वर्तमान में चल रहे वाद संख्या 693/2021 से मिलते-जुलते और भी वाद न्यायालय में विचारधीन हैं. इनकी सुनवाई एक साथ की जानी चाहिए.
Varanasi News: साध्वी पूर्णाम्बा और साध्वी शारदाम्बा ने श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में पूर्व में कोर्ट में वाद संख्या 761/2021 के तहत सुनवाई के लिए अर्जी दाखिल की थी. मगर दोनों साध्वियों ने मांग की है कि हमारे वाद और वर्तमान में चल रहे वाद पर एक साथ न्यायालय में सुनवाई की जाए. मंगलवार को भी कोर्ट ने दोनों साध्वियों के वाद को 6 जुलाई 2022 को ही सुनने के लिये Put on Fixed Date का आदेश दिया है. साध्वियों के अनुसार वर्तमान में चल रहे वाद संख्या 693/2021 से मिलते-जुलते और भी वाद न्यायालय में विचारधीन हैं. इनकी सुनवाई एक साथ की जानी चाहिए. इसमें वाद संख्या 350/2021 रंजना अग्निहोत्री बनाम उत्तर प्रदेश सरकार भी शामिल है.
Also Read: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस में जितेंद्र सिंह बिसेन ने दी सफाई, वकील पर लगाया केस वापसी की अफवाह का आरोप
पूर्व में एक मुकदमा दायर किया था…
अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने बताया कि साध्वी पूर्णाम्बा और साध्वी शारदाम्बा ने पूर्व में एक मुकदमा दायर किया था. इसकी वाद संख्या 761/2021 है. इसमें हम लोगों ने प्रार्थना पत्र सीनियर डिविजन की कोर्ट में देते हुए ये मांग की है कि ज्ञानवापी प्रकरण से सम्बंधित जितने भी मामले हैं, सबकी सुनवाई एक साथ की जाए. कारण, हमारा केस और वर्तमान में चल रहा वाद 693/2021 एक ही प्रकरण और उद्देश्य से संबंधित है. इससे न्याय मिलने में हमें सहूलियत होगी. यदि अलग-अलग मुकदमे अलग-अलग तरीके से देखे जाएंगे तो न्याय में भी विलंब होगा और सबकी अलग-अलग राय भी आएगी.
Also Read: ज्ञानवापी मस्जिद-विश्वनाथ मंदिर विवादः आज का दिन महत्वपूर्ण, हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
पूर्व में यहां नन्दी भगवान थे…
उन्होंने इसी आधार पर आगे कहा कि अभी कमीशन की कार्रवाई चल रही है तो दूसरा व्यक्ति भी कमीशन की कार्रवाई की मांग कर सकता है. इसलिए हम चाहते हैं कि सभी वाद एकसाथ संचालित हो। रंजना अग्निहोत्री द्वारा भी एक वाद दाखिल किया गया है. जो 350 /2021 है. इसी प्रकार से ज्ञानवापी से सम्बंधित अन्य मुकदमे और भी दाखिल किए गए हैं. सभी मुकदमों में एक ही बात कही गई है कि यह विश्वेश्वर का भूखंड है. पूर्व में यहां नन्दी भगवान थे. इस वजह से लोग यहां पूजा-पाठ करने की मांग कर रहे हैं. इसलिए इन सभी मुकदमों को संयुक्त रूप से एक साथ अदालत में चलाए जाने की हमने मांग की है. इसीलिए हमने प्रार्थना पत्र देकर के इस मामले में अदालत का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की है.
Also Read: संगीत सोम ने ज्ञानवापी मामले में दिया विवादित बयान, कहा 1992 में बाबरी और 22 में….
रिपोर्ट : विपिन सिंह