Budget 2022: काशी की जनता को रास नहीं आया मोदी सरकार का बजट, महिलाएं बोलीं- उम्मीद थी कम होगी महंगाई

Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश कर दिया है. बजट में मिडिल क्लास को कोई राहत न मिलने पर लोग मायूस नजर आए. आइए जानते हैं बजट को लेकर वाराणसी की जनता की क्या राय है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 1, 2022 4:06 PM

Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश कर दिया है. बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे मिडिल क्लास के लोग मायूस नजर आए. गृहणियों को महंगाई और बच्चों की स्कूली फ़ीस में कोई राहत नहीं मिली. आइए जानते हैं बजट को लेकर वाराणसी की जनता की क्या राय है.

बजट में महिलाओं के हाथ लगी निराशा

वाराणसी की घरेलू महिलाओं का कहना है कि एक महिला होकर भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में महिलाओं को कोई राहत नहीं दी. इस बजट से सिर्फ 1 प्रतिशत की संतुष्टि मिली है. घर चलना महंगाई की वजह से मुश्किल होता जा रहा है. पेट्रोल के दाम भी कम नहीं हुए हैं. हम लोगों को इस बजट से सिर्फ निराशा मिली है. बच्चों के स्कूल की फीस भी बढ़ गई है. ऐसे में इस बजट से बहुत उम्मीदें थी कि इन सब चीजों में राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

बजट में महंगाई से नहीं मिली मुक्ति

वाराणासी व्यापार मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अजित सिंह बग्गा ने इस बजट को लेकर कहा कि, बजट में न तो व्यापारियों के हित में कुछ है और न ही आम जनता के हित में, महंगाई से हमें मुक्ति नहीं मिली, इस बजट में एक काम अच्छा हुआ है कि आईटीआर भरने में 2 साल का समय दे दिया गया है, जिससे कोई त्रुटि होने पर राहत मिल सकेगी.

कोरोना काल में जनता को मिलनी चाहिए थी राहत- अजित सिंह

उन्होंने कहा कि, विकास के नाम पर रोपवे बना रहे हैं. 400 ट्रेनें चला रहे हैं. 25 हजार किलोमीटर रोड बना रहे हैं. किसान के लिए शुद्ध चीजे करने की व्यवस्था कर रहे हैं. गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती करने की छूट दे रहे हैं, मगर ये सारी चीजें सरकार ने इस बजट में अपने लाभ के लिए की हैं. कोविड महामारी के वक्त जिस तरह से जनता और व्यापारियों ने सरकार का साथ दिया उसे देखते हुए सरकार को इस बजट में 2 लाख तक का ऋण जनता और व्यापारियों को देना चाहिए था, उसे किश्तों में लेने की सुविधा उपलब्ध करानी थी. कम से कम देश के 40 फीसदी लोगों को अनाज फ्री देना चाहिए था. ताकि लोअर और मिडिल क्लास भी लाभान्वित हो सके.

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महिलाओं के लिए बजट में कुछ नहीं- स्वाति गुप्ता

व्यापार महिला पदाधिकारी स्वाति गुप्ता ने कहा कि वे स्वयं एक व्यापारी हैं. वे घर से ही व्यापार करती हैं साथ ही एक हाउस वाइफ भी हैं. बजट को लेकर स्वाति कहती हैं कि, मंहगाई बढ़ती जा रही है, अनाज के दाम बढ़ते जा रहे हैं, सिलेंडर के दाम में भी इजाफा हो रहा है और रही कसर कोरोना ने पूरी कर दी. वित्त मंत्री ने न तो होम लोन में रियायत दी न ही महिलाओं को महंगाई से निजात दिलाने वाली कोई स्कीम दी.

चांदनी सिंह को बजट से नहीं कोई उम्मीद

पूर्वान्चल व्यापार महिला अध्यक्ष चांदनी सिंह ने बजट को लेकर कहा कि, वित्त मंत्री स्वयं एक महिला हैं. इसके बावजूद उन्होंने महिलाओं के लिए कुछ नहीं सोचा. हमारी सारी उम्मीदे ध्वस्त हो गई. हमने सोचा था कि गैस सिलेंडर के दाम कम होंगे, बच्चों की फीस में रियायत होगी. मगर कोई रियायत नहीं मिली.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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