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यूपी में जीका वायरस का खतरा, केंद्र ने कानपुर भेजी विशेषज्ञों की टीम

Zika Virus उत्तर प्रदेश में जीका वायरस संक्रमण के खतरे की रोकथाम के लिए केंद्र गंभीर हो गया है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के 57 वर्षीय व्यक्ति ने जीका वायरस के संक्रमण की जांच करायी थी.

Zika Virus in UP उत्तर प्रदेश में जीका वायरस संक्रमण के खतरे की रोकथाम के लिए केंद्र गंभीर हो गया है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के 57 वर्षीय व्यक्ति ने 22 अक्टूबर को जीका वायरस के संक्रमण की जांच करायी थी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीका वायरस संक्रमण के नियंत्रण और रोकथाम के लिए राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और नयी दिल्ली के आरएमएल अस्पताल से एक कीटविज्ञानी, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की बहु-विषयक टीम को राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता के लिए भेजा गया है.

टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी तथा आकलन करेगी कि क्या जीका प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्य योजना लागू की जा रही है. बयान में कहा गया है कि टीम राज्य में जीका के प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में आवश्यक हस्तक्षेप की भी सिफारिश करेगी.

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस बीमारी मुख्य रूप से एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है. यह मच्छर दिन के समय में सक्रिय होते हैं. सबसे पहले जीका वायरस साल 1947 में युगांडा के बंदरों में पाया गया था और इसके बाद साल 1952 में युगांडा और तंजानिया में इंसानों इंसानों में पाया गया था. जीका वायरस के मामले अब तक एशिया, अफ्रीका, अमेरिका पैसिफिक आइलैंड में मिले हैं.

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