Prayagraj News : ‘गीतकार गुलजार साहब को डीलिट की मानद उपाधि देने में किस तरह की दिक्कत है?’ बस कुछ यही सवाल जब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में आए केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद प्रधान से पूछा गया तो वे असहज हो गए.
आपको बता दें कि गीतकार गुलजार साहब के अविस्मरणीय योगदान को देखते हुए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एकेडमिक काउंसिल ने उन्हें डीलिट की मानद उपाधि देने की अनुशंसा केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को कर दिया था लेकिन उसकी मंजूरी मंत्रालय की ओर से नहीं दी गई. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उस वक्त असहज स्थिति में आ गए जब ‘प्रभात खबर’ के संवाददाता ने उनसे गीतकार गुलजार को डीलिट की मानद उपाधि न मिलने के संबंध में सवाल पूछ लिया था.
कार्यक्रम के समापन के बाद सीनेट हाल की गैलरी से जाते हुए मंत्रीजी से सवाल का जवाब देने को कहा. उन्होंने जवाब दिया, ‘ऐसा थोड़े ही न होता है.’ इससे पहले भी मीडिया से मुखातिब होते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गीतकार गुलजार को मानद उपाधि न मिलने के सवाल पर चुप्पी साध गए थे.
इस दौरान उन्होंने शिक्षा जगत में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के योगदान की सराहना की. साथ ही, उन्होंने मेडल को देते समय छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने के लिए सर्वस्व समर्पित करने की सलाह देते हुए कहा कि वर्तमान केंद्र एवं प्रदेश की राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि वह शिक्षा को सर्वसुलभ बनाये.
रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी
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