दिल्ली हाई कोर्ट (delhi high court) ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत (unnao death in custody case) मामले में दोषी ठहराए गए और 10वर्ष की कैद की सजा पाए उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (kuldeep sengar) की सजा को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर शुक्रवार को सीबीआई से जवाब मांगा है. मामले में न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने सीबीआई को नोटिस जारी किया और सेंगर की याचिका पर जवाब मांगा. हाई कोर्ट ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 10 नवम्बर की तारीख तय की है.
सेंगर को आजीवन कैद की सजा : गौरतलब है कि उन्नाव में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के जुर्म में सेंगर को आजीवन कैद की सजा सुनाई गई है. बलात्कार के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 25 फरवरी को सेंगर की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी.
पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में दोषी : सेंगर, उसके भाई और पांच अन्य को चार मार्च को पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और 13 मार्च को इन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई थी. निचली अदालत ने सेंगर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
क्या है मामला: 2018 में दायर किए आरोपपत्र की मानें तो 4 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता और उसके साथी कर्मी अपने गांव लौट रहे थे. इसी बीच किसी बात को लेकर कुलदीप सेंगर के भाई अतुल और अन्य लोगों ने पीड़िता के पिता की बेहरमी से पिटाई कर दी थी. गंभीर रूप से घायल हुए पीड़िता के पिता को अस्पताल पहुंचाने के बजाए जेल में डाल दिया गया था, जबकि उन्हें ज्यादा चोट आई थी. 9 अप्रैल को उनकी न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था.
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कुलदीप सेंगर पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप : आपको बता दें कि उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों के ऊपर 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा था. इस मामले की जांच सीबीआई ने की.
Posted By : Amitabh Kumar