Unnao Case: दलित युवती (Dalit girl) का अपहरण कर हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. एक्सपर्ट की पीएम रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ वह पहले किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से अलग है. पहले रिपोर्ट में शव में इंजरी का होना नहीं दर्शाया था. बता दें कि डॉक्टरों के पैनल से हुए पोस्टमार्टम पर पीड़िता के परिजनों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. पीड़िता के परिजनों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाए जाने की मांग की थी. पैनल ने पोस्टमार्टम किया तो उसमें शरीर पर इंजरी की बात सामने आई है.
पोस्टमार्टम मामले को लेकर मंगलवार सुबह पीड़िता के परिजन के आवास पर एसपी मिलने पहुंच गए. इसके बाद उन्होंने दफनाए गए शव को दोबारा खुदवा कर मंगलवार शाम पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया. बता दें कि पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट कुछ दिनों पहले ही आया था, जिसमें यह कहा गया था कि युवती की मृत्यु दम घुटने से हुई हैं. युवती का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों की पैनल टीम ने किया है. तीनों डॉक्टर्स से युवती का पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत होने की पुष्टि हुई है। गले की हड्डी टूटी मिली और सिर में दो गम्भीर चोट हैं.
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बता दें कि उन्नाव में 2 महीने से लापता एक युवती का शव मिलने के बाद उसके परिजनों ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है. मामला उस समय चर्चा में आया था, जब पीड़िता की मां ने अखिलेश यादव की कार के आगे आत्महत्या का प्रयास किया था. विगत 8 दिसंबर को पीड़िता की मां ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर बेटी के अपहरण करने की जानकारी दी और उन्होंने इसका आरोप पूर्व राज्यमंत्री फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह उर्फ अरुण सिंह पर लगाया, लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को न समझते हुए गुमशुदगी में दर्ज कर पल्ला झाड़ लिया.