UP Assembly Election 2022: माफिया डॉन और बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बड़े भाई सिबगतउल्ला अंसारी (SibgatUllah Ansari) शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) छोड़कर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो गए. सिबगतउल्ला के पार्टी छोड़ने को लेकर बसपा के राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ (BSP MP Ashok Siddharth) ने कहा कि सिबगतउल्ला दगे कारतूस हैं. उन्होंने बसपा छोड़ी नहीं है, बल्कि पिछले काफी दिनों से निष्क्रिय होने की वजह से पार्टी उन्हें पहले ही निष्कासित कर चुकी है.
राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ से जब यह पूछा गया कि पूर्वांचल में पार्टी के मजबूत स्तम्भ माने जाने वाले मुख्तार अंसारी को बसपा में रोके रखने के लिए क्या पार्टी उन्हें मनाने की कोई कोशिश करेगी, इस पर उन्होंने कहा कि बसपा मुख्तार अंसारी को पार्टी में बने रहने के लिए न तो रोकेगी और न ही मनाएगी. मुख्तार और अफजाल के भी किसी दूसरी पार्टी में जाने से बसपा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
अशोक सिद्धार्थ ने तंज कसते हुए कहा कि किसी के पार्टी छोड़ने या निकाले जाने से बसपा कभी कमजोर नहीं हुई, बल्कि जो बसपा छोड़ते हैं, वे शून्य हो जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सपा के भी तमाम लोग अक्सर बसपा में शामिल होते रहते हैं, लेकिन उनकी पार्टी उसका शोर शराबा नहीं करती.
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वहीं, बसपा सांसद अशोक सिद्धार्थ के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुख्तार अंसारी विधानसभा चुनाव से पहले ‘हाथी’ की सवारी छोड़ देंगे या फिर बसपा ही उन्हें पार्टी से बाहर कर देगी. सवाल यह भी है कि जेल में रहते हुए भी लगातार चुनाव जीतने वाले मुख़्तार अंसारी अगर दूसरी बार बसपा से अलग होते हैं तो उनका अगला कदम क्या होगा? क्या वह साइकिल की सवारी करेंगे ? या फिर अपनी कौमी एकता पार्टी को फिर से जीवित करेंगे? या फिर किसी दूसरी पार्टी का दामन थामेंगे?
Posted by : Achyut Kumar