UP Board Paper Result 2022: यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 के परिणाम जारी हो चुके हैं. 10वीं और 12वीं के परिणाम को लेकर करीब 49 लाख बच्चों को बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. अब जब परीक्षा के परिणाम जारी हो चुके हैं तो सभी को पता चल चुका है कि उनका परिणाम कैसा गया है. ऐसे में पास होने वाले स्टूडेंट्स के अलावा फेल होने वाले या कम अंक पाने वाले छात्रों की चिंता बढ़ गई है. मगर अब भी उनके पास दो ऑप्शन हैं. इन्हीं दो लाभकारी विकल्पों के बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे. इन दो विकल्पों का नाम है स्क्रूटनी और कंपार्टमेंट परीक्षा…
स्टूडेंट्स को एग्जाम में पास होने के लिए यूपी बोर्ड पासिंग मार्क्स 2022 लाना जरूरी होता है. परीक्षा में मिले नंबर उम्मीद से कम लगते हैं तो स्टूडेंट्स कॉपियों की फिर से रिचेकिंग करा सकते हैं. इसके बाद फिर नए तरीके से उनकी कॉपी चेक की जाती है. नंबर्स की टोटलिंग करने में किसी तरह की कोई गलती होती है तो दोबारा उस स्टूडेंट्स के मार्क्स बढ़ जाते हैं. नई मार्कशीट बनती है. स्क्रूटनी के लिए स्टूडेंट्स EASY को आवेदन करना होगा और जिस विषय की कॉपी चेकिंग करानी है, उसके लिए फीस भी देना होता है.
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रिजल्ट जारी होने के बाद एक या दो विषयों में फेल हो जाने वाले स्टूडेट्स के पास कंपार्टमेंट एग्जाम देने का ऑप्शन रहता है. दोबारा परीक्षा देकर पूरा साल बचाया जा सकता है. रिजल्ट जारी होने के बाद बोर्ड द्वारा कंपार्टमेंट और स्क्रूटनी दोनों की जानकारी दे दी जाएगी. उसके बाद स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकते हैं और कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकते हैं. UP Board Result 2022 में कक्षा 12वीं के रिजल्ट में तीन लाख से ज्यादा छात्र फेल हुए हैं. ऐसे में इनमें से कई छात्र-छात्राओं के लिए यह विकल्प काम आ सकता है.
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वर्ष 2011 से अब तक यूपी बोर्ड की ओर से 12 बार हाईस्कूल का रिजल्ट घोषित किया जा चुका है. वर्ष 2021 में कोविड के कारण बिना परीक्षा कराए परीक्षार्थियों को उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था और 99.53 फीसदी परिणाम आया था. वहीं, 2011 से अब हाईस्कूल की 11 परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं. इनमें से वर्ष 2022 का परिणाम सर्वश्रेष्ठ आया है. वर्ष 2011 में हाईस्कूल का रिजल्ट 70.82 फीसदी, 2012 में 83.75 फीसदी, 2013 में 86.63 फीसदी, 2014 में 86.71 फीसदी, 2015 में 83.74 फीसदी, 2016 में 87.66 फीसदी, 2017 में 81.18, 2018 में 75.16, 2019 में 80.07, 2020 में 83.31 और वर्ष 2022 में 88.18 फीसदी रिजल्ट रहा.