UP Board Exam: गोरखपुर के परीक्षा केंद्रों पर लखनऊ से निगरानी, कोविड नियमों के साथ मिला छात्रों को प्रवेश

यूपी बोर्ड 2022 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा आज यानी 24 मार्च से गोरखपुर में भी शुरू हो चुकी है. प्रथम पाली में परीक्षा सुबह आठ बजे से शुरू हो चुकी है, जोकि दोपहर 11.15 बजे तक चलेगी. दोपहर की पाली में दो बजे से शाम 5.15 बजे तक परीक्षा होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 24, 2022 10:17 AM
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Gorakhpur News: यूपी बोर्ड 2022 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा आज यानी 24 मार्च से शुरू हो चुकी है. यह परीक्षा दो पालियों में होगी, प्रथम पाली में परीक्षा सुबह आठ बजे से शुरू हो चुकी है, जोकि दोपहर 11.15 बजे तक चलेगी. दोपहर की पाली में दो बजे से शाम 5.15 बजे तक परीक्षा होगी.

गोरखपुर के 199 परीक्षा केंद्रों पर एग्जाम शुरू

जिले में 199 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर कुल 127831 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे, इसमें हाई स्कूल के 66869 संस्थागत वह 149 व्यक्तिगत समेत कुल 67038 परीक्षार्थी और इंटर के 58541 संस्थागत व 2252 व्यक्तिगत समेत कुल 60793 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे, नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए प्रशासन ने जिला व राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाए हैं जिसकी निगरानी लखनऊ से की जा रही है.

सघन चेकिंग के बाद छात्र-छात्राओं को मिला प्रवेश

आज प्रभात खबर की टीम बोर्ड परीक्षा के पहले दिन पहली पाली में व्यवस्था का जायजा लेने के लिए गोरखपुर के महात्मा गांधी इंटर कॉलेज पहुंची, जहां गेट पर ही छात्रों की तलाशी ली जा रही थी, इस दौरान स्टूडेंट्स के पास से मिलने वाले मोबाइल या फिर किताब कॉपी कर्मचारी और अध्यापक गेट पर ही जमा करा रहे थे. परीक्षा केंद्र पर ठीक 8 बजे से प्रथम पाली की परीक्षा शुरू करा दी गई.

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प्रभात खबर की टीम ने जब एमजी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ओपी सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि, नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए जो सख्त कदम शासन द्वारा उठाए गए हैं. हम उनकी प्रशंसा करते हैं, जहां तक मेरे विद्यालय की बात है यहां पर कुल 129 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिन कमरों में परीक्षा हो रही है उन कमरों में 2 सीसीटीवी कैमरे स्पीकर के साथ लगाए गए हैं.

2 साल के बाद हो रही ऑफलाइन परीक्षा

इस सवाल पर कि 2 साल के बाद अबकी बार ऑफलाइन एग्जाम कराया जा रहा है, तो बच्चों को और अध्यापकों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इस सवाल पर उन्होंने बताया कि जो ऑनलाइन पढ़ाई हुई है. वह ऑफलाइन का विकल्प हो ही नहीं सकती. कितना भी हमारा विज्ञान आगे निकल जाए क्योंकि ऑनलाइन की पढ़ाई में भावना नहीं है. शिक्षक और छात्र के रिश्ते नहीं है. ऑनलाइन एक मशीन है कहीं नेट का प्रॉब्लम कुछ बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है. इस बार काफी हौसला बढ़ा है बच्चे पेपर दे रहे हैं.

रिपोर्ट- कुमार प्रदीप

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