UP Budget 2022: योगी सरकार 2.0 का पहला बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने पेश कर दिया है. बजट में बाल कल्याण के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि, सरकार कुपोषण के मुद्दों को दूर करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है, और 203 ब्लॉक स्तरीय केन्द्रों को बढ़ावा देकर कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों को जिलों से ब्लॉक तक ले जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया जा रहे है.
उन्होंने बताया कि, हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है. इसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है. दस्तक कार्यक्रम इस सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप एईएसजेई से प्रभावित सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी आई है.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि, सिक एण्ड न्यूबॉर्न करते हुए सरकार अधिक बच्चों की केयर यूनिट्स के विस्तार पर ध्यान केन्द्रित ने पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष एक लाख से मृत्यु को रोका है. कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ/प्रभावित हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा , चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु माह-जून, 2021 से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन किया जा रहा है. योजनान्तर्गत पात्र बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
कोविड -19 संक्रमण से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता अथवा दोनों/अभिभावक को खोने वाले बच्चों के भरण- पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु अगस्त 2021 से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना ( सामान्य ) का संचालन किया जा रहा है.
नया सवेरा कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे समाज से बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करना है. जरूरतमंद परिवारों को नकद हस्तांतरण किया जा रहा है, ताकि परिवार उन बच्चों की शिक्षा जारी रख सकें जिनके बाल श्रम में शामिल होने का खतरा है. कार्यक्रम के अत्यन्त उत्साहजनक परिणाम आए और कई ग्राम पंचायतों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि, ऑपरेशन विद्यालय कायाकल्प कार्यक्रम का उल्लेख भी महत्वपूर्ण है, जिसके माध्यम से सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे को रूपान्तरित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है, जिसने वर्षों की गिरावट के रूझानों को उलट दिया.