UP News: आम बजट (Union Budget 2023) 1 फरवरी को पेश किया जाएगा, लेकिन इससे पहले हर वर्ग के लोग बजट को लेकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं. इस बार के बजट से आम आदमी को बहुत उम्मीदें हैं. बजट को लेकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से बात की गई तो उन्होंने अपनी-अपनी मांग रखी.
UP | Varanasi residents express their expectations from Union #Budget2023
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 29, 2023
Income-tax ceiling should be raised, relief be given to the common man, says Sunil Jaiswal.
The budget should focus on health and education, in view of the pandemic we faced, says SK Singh, a businessman. pic.twitter.com/VIsFHql2yJ
केंद्रीय बजट 2023 को लेकर वाराणसी के सुनील जायसवाल ने मीडिया (ANI) के समक्ष अपनी बात रखते हुए, आयकर की सीमा बढ़ाने और आम आदमी को राहत देने की बात कही, जबकि एक व्यवसायी एसके सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि, हमने जिस महामारी का सामना किया है उसे देखते हुए बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में अलग-अलग लोगों से की गई बातचीत में जो एक आम बात सामने आई है वो है आम बजट में टैक्स में राहत को लेकर. व्यावसायिक समूहों के साथ ही कर विशेषज्ञों और आम लोगों की मांग है कि आयकर में पांच लाख तक छूट मिल जाए तो यह एक बड़ी राहत होगी. इसके साथ ही होम लोन के भुगतान पर अगर टैक्स बेनिफिट की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख किया जाए तो इससे रियल इस्टेट सेक्टर की गति भी काफी बढ़ जाएगी.
Also Read: UP Budget Expectations: शिक्षा-स्वास्थ्य सेक्टर को बड़ी उम्मीदें, AIIMS, IIT और IIM की मिल सकती है सौगातें…उत्तर प्रदेश के सराफा कारोबारियों की मांग है कि गोल्ड में इंपोर्ट ड्यूटी में कमी की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि, आयात शुल्क में कम से कम चार प्रतिशत तक कमी की जाए. इसके साथ ही धारा 411 में संशोधन की आवश्यकता है. दरअसल, इंपोर्ट ड्यूटी वह टैक्स है, जो किसी देश के सीमा शुल्क अधिकारी उस देश में किसी दूसरे देश से आने वाले सामान (आयातित सामान) पर वसूलते हैं. इसके अलावा यूपी के रियल इस्टेट कारोबारियों ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि, रियल इस्टेट को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने के साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा भी बदली जाए. साथ ही रेंटल इनकम में सौ प्रतिशत तक छूट दी जाए.
आम बजट की उम्मीद पर एक गृहिणी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, आज डेयरी उत्पाद इतने महंगे हैं कि परिवार बच्चों को दूध नहीं पिला पा रहे हैं. एलपीजी गैस सिलेंडर भी बहुत महंगा है. सरकार को मध्यम वर्ग पर ध्यान देना चाहिए. निजी स्कूलों में शिक्षा भी बहुत महंगी है.