Lucknow News: औद्योगिक विकास के मामले में दशकों से पिछड़ापन झेल रहे बुंदेलखंड (Bundelkhand) की तस्वीर आने वाले दिनों में बदली नजर आएगी. योगी सरकार (Yogi government) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की आर्थिक गति और तेज करने के लिए अगले वर्ष यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (UP Global Investors Summit 2023) के जरिए निवेशकों को रिझाने में लगी हुई है. सरकार ने दावा किया है कि यह आयोजन प्रदेश में निवेश के पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त करेगा. वहीं इससे पलायन के लिए विख्यात बुंदेलखंड की धरती की सूरत बदलने की भी बात कही जा रही है.
प्रदेश के बदले माहौल के बीच अब निवेशकों को बुंदेली धरती रास आ रही है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और डिफेंस कॉरिडोर से बुंदेलखंड में रोजगार की संभावनाओं को बल मिल रहा है.निवेशकों को इस क्षेत्र के तेजी से विकसित होने का भरोसा हो गया है, इसलिए वह अपने बड़े प्रोजेक्ट को यहां शुरू करने की तैयारी में हैं. इन प्रोजेक्ट के शुरू होने से बुंदेलखंड की तस्वीर बदलेगी और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के नये अवसर मिलेंगे.
उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूपीएसआईडीसी) को झांसी, ललितपुर, उरई व हमीरपुर में निवेश के कई प्रस्ताव मिले हैं. एक कंपनी से एमओयू भी साइन हो गया है. इससे आने वाले दिनों में क्षेत्र के औद्योगिक विकास की संभावनाएं जताई जा रही हैं.
जमीन की पर्याप्त उपलब्धता के बाद भी बुंदेलखंड औद्योगिक रूप से हमेशा पिछड़ा रहा, जिससे यहां रोजगार के अवसरों का भी भारी अभाव रहा. रोजगार के लिए लोगों को देश के महानगरों की ओर पलायन करना पड़ जाता है. लेकिन, अब हालात बदल रहे हैं. खासतौर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे ने निवेशकों का ध्यान इस ओर खींचा है. हाल ही में यूपीएसआईडीसी को क्षेत्र के अलग-अलग जनपदों में निवेश के कई प्रस्ताव मिले हैं.
गुजरात के सूरत की एक कंपनी ने झांसी और जालौन जनपद के उरई में ग्रुप हाउसिंग का प्रस्ताव यूपीएसआईडीसी को दिया है. ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में कंपनी उरई में 90 करोड़ का निवेश करेगी, जबकि झांसी में फिलहाल 10 करोड़ का निवेश करने जा रही है. झांसी के लिए यूपीएसआईडीसी और सूरत की कंपनी जर्मिनेट इंफ्रा एनर्जी के बीच एमओयू साइन भी हो गया है. अब इस पर जल्द ही धरातल पर काम शुरू हो जाएगा.
गाजियाबाद की कंपनी एसआर प्राइवेट लिमिटेड ने उरई में टीएमटी सरिया उत्पादन की इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव यूपीएसआईडीसी को दिया है. यूनिट की स्थापना में कंपनी 175 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इससे सीधे तौर पर 550 लोगों को रोजगार हासिल होगा.
इसके अलावा ललितपुर में एक सीमेंट कंपनी की ओर से यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव आया है. जबकि, हमीरपुर में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने इकाई स्थापित करने में रुचि दिखाई है. इसे लेकर कंपनी की यूपीएसआईडीसी से बातचीत अंतिम दौर में है.
यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक मयंक मंगल के मुताबिक बुंदेलखंड के अलग-अलग जनपदों में निवेश के लिए विभिन्न कंपनियों की ओर से रुचि दिखाई गई है. कंपनियों व यूपीएसआईडीसी के बीच बातचीत की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. अगले साल फरवरी तक उम्मीद है कि कई कंपनियों से एमओयू साइन कर लिए जाएंगे. इससे क्षेत्र में औद्योगिक माहौल सृजित होगा. स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे.
बुंदेलखंड में निवेश की बात करें तो पिछले पांच सालों में 6800 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश हुए हैं. इसमें 284 करोड़ रुपये की लागत की 25 कंपनियों ने उत्पादन शुरू भी कर दिया है. इसके अलावा 2900 करोड़ रुपये की शेष परियोजनाएं भी शुरू होने की स्थिति में हैं. बुंदेलखंड के जालौन, झांसी, ललितपुर, बांदा और महोबा में निवेश आए हैं.
हिंदुस्तान यूनिलीवर इंडिया (एचयूएल) ने कुछ महीने पहले हमीरपुर जिले के सुमेरपुर में बुंदेलखंड में डिटर्जेंट इकाई की शुरुआत कर दी है. इकाई के लोकार्पण के साथ ही कंपनी ने बुंदेलखंड में 700 करोड़ रुपये के निवेश का भी ऐलान किया. डिफेंस कारिडोर के छह नोड्स में से झांसी और चित्रकूट बुंदेलखंड में हैं. इसे लेकर भी कई कंपनियों ने निवेश की घोषणा की है. इसी तरह जो बुंदेलखंड विकास के लिहाज से उपेक्षित माना जाता था, अब वहां की सूरत बदलने जा रही है.