Bareilly News: मैनपुरी लोकसभा सीट, रामपुर शहर और मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने पूरी ताकत सिर्फ मैनपुरी सीट पर झोंक दी है. यहां से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं. जिसके चलते सपा प्रमुख अखिलेश यादव, और उनके पूरे कुनबे के साथ ही यूपी के सपा सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और प्रमुख नेताओं की फौज जुटी है.
सपा संस्थापक और मैनपुरी लोकसभा सीट से सांसद मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. उनके निधन के बाद सपा मुलायम सिंह यादव की विरासत बचाने में जुटी है, लेकिन रामपुर शहर विधानसभा सीट पर अकेले मुहम्मद आजम खां कमान संभाले हैं. यह सीट आजम खां के हेट स्पीच मामले में तीन वर्ष की सजा के बाद खाली हुई है.
आजम के चुनाव लड़ने पर रोक के बाद सपा ने आसिम राजा को प्रत्याशी बनाया है. यहां स्टार प्रचारक भी कोई नहीं गया है. इसको लेकर सियासी चर्चाएं शुरू हो गई हैं. हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को रामपुर में जनसभा करने का संकेत दिया है. मगर, यह कब होगी. इसका कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है.
सपा ने उपचुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी. सपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में अखिलेश यादव, किरनमय नन्दा, राम गोपाल यादव, आजम खान, जया बच्चन, नरेश उत्तम पटेल, शिवपाल सिंह यादव, माता प्रसाद पांडेय और स्वामी प्रसाद मौर्य टॉप टेन में शामिल हैं, जबकि मनोज पांडे, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, राजाराम पाल, चंद्रभूषण सिंह, रामअसरे विश्वकर्मा, तेज प्रताप सिंह यादव, जूही सिंह, सोबरन सिंह यादव, बृजेश कठेरिया, राजू यादव और अरविंद यादव का नाम शामिल है. मगर, यह सभी मैनपुरी में ही जुटे हैं.
भाजपा ने रामपुर सीट पर उपचुनाव के लिए आकाश सक्सेना को उतारा है. वह पिछली बार भी चुनाव लड़े थे, लेकिन आजम खां से हार गए थे. सपा ने आजम खां के करीबी आसिम राजा को टिकट दिया है. वह इससे पहले रामपुर लोकसभा का उपचुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे. मगर, विधानसभा उपचुनाव में भी उनको प्रत्याशी बनाया गया है. इस सीट पर सपा और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होना तय है.
रामपुर विधानसभा सीट से सीतापुर जेल में कैद रहने के बाद भी आजम खां ने 2022 विधानसभा चुनाव करीब 55 हजार से अधिक मतों से जीता था. मगर, वह सिर्फ 154 दिन ही विधायक रह पाए. भड़काऊ भाषण मामले में 27 अक्टूबर को सजा सुनाई गई और 28 अक्टूबर को विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई. इससे पहले 2019 में उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द की गई थी.
रामपुर ऐसा इलाका है, जहां चुनाव हिंदू मुस्लिम नहीं होता. यहां के हिंदू भी आजम खां को वोट करते थे. इसलिए वह 10 बार रामपुर शहर विधानसभा से विधायक बने थे. मगर, 40 वर्ष बाद आजम खां किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, और वह चुनाव भी नहीं लड़ रहे हैं. रामपुर में 55.57 फीसदी मुसलमान, और हिंदू मतदाताओं की संख्या 42.97 फीसदी है.
इसके अलावा करीब 3 फीसद सिख समुदाय के लोग हैं. यहां आजम खान का दबदबा था. लेकिन, कुछ महीने पहले हुए रामपुर लोकसभा उप चुनाव में सपा उम्मीदवार की हार हुई थी. हालांकि, यहां का मुस्लिम वोट लगातार सपा को मिलता रहा है.मगर, इस बार आजम खां के करीबी भी मुस्लिम नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
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कुल मतदाता- 3,87,385
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पुरुष- 2,05,971
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महिला- 1,81,107
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किन्नर – 307
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली