UP By-Election: खतौली विधानसभा सीट पर 5 दिसम्बर को उपचुनाव, BJP विधायक की सदस्यता हुई थी रद्द
निर्वाचन आयोग ने बताया कि विधायक विक्रम सिंह को विधायकी से अयोग्य घोषित किए जाने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. आयोग ने बताया कि 10 नवम्बर को अधिसूचना, 17 नवम्बर तक नामांकन, 18 नवम्बर को नामांकन पत्रों की जांच, 21 नवम्बर तक नामांकन वापस ले सकते हैं.
Lucknow News: प्रदेश में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा में भी अब रामपुर की तरह ही 5 दिसम्बर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा, जबकि नतीजे 8 दिसम्बर को आयेंगे. निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव को लेकर मंगलवार को तारीख की घोषणा की.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि विधायक विक्रम सिंह को विधायकी से अयोग्य घोषित किए जाने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. आयोग ने बताया कि 10 नवम्बर को अधिसूचना, 17 नवम्बर तक नामांकन, 18 नवम्बर को नामांकन पत्रों की जांच, 21 नवम्बर तक नामांकन वापस ले सकते हैं. वहीं 5 दिसम्बर को मतदान होगा. इसके अलावा 8 दिसम्बर को मतगणना होगी. आयोग ने कहा कि इस विधानसभा सीट पर 10 दिसम्बर तक उपचुनाव सम्पन्न हो जाने चाहिए.
इससे पहले यूपी विधानसभा सचिवालय ने मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया था. प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने इसकी अधिसूचना जारी की थी.
दरअसल आजम खां को तीन वर्ष की सजा के बाद रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने हाल ही में खतौली सीट पर सवाल उठाए थे. उन्होंने खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दो वर्ष की सजा सुनाए जाने का हवाला देते हुए उनकी सदस्यता भी समाप्त करने की मांग की थी.
नियमों के मुताबिक विधायक या सांसद को दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होने पर स्वत: सदन की सदस्यता समाप्त होने का प्रावधान है. इस आधार पर सैनी की सदस्यता सजा वाले दिन से समाप्त मानी गई थी. हालांकि विधानसभा सचिवालय ने इस पर न्याय विभाग से राय मांगी थी. इसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित करने का निर्णय किया गया.
खतौली विधानसभा सीट रिक्त घोषित होने के बाद अब क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गयी है. उपचुनाव को लेकर सत्तारूढ़ दल में हलचल तेज हो गयी है. 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर जनपद के कवाल गांव में गौरव और सचिन की हत्या के बाद पुलिस ने खतौली विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विक्रम सैनी सहित 28 लोगों पर आपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 336, 353, 504 और 506 में मुकदमा दर्ज किया था.
इसके बाद बीते दिनों एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक विक्रम सैनी सहित 12 लोगों को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया था.