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UP By-Election: आज थम जाएगा उपचुनाव के लिए प्रचार का शोर, 5 दिसंबर को मतदाता रचेंगे इतिहास

उपचुनाव में भाजपा, सपा और रालोद ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. नेताओं ने विरोधी दलों पर जमकर हमला बोला और अपने उम्मीदवार की जीत का दावा किया. भाजपा उपचुनाव को लेकर पहले दिन से ही आक्रामक मोड में हैं, वहीं विपक्ष की ओर से भी उस पर जमकर हमला बोला जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 3, 2022 7:28 AM

Lucknow: प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र, रामपुर और खतौली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर आज प्रचार का अंतिम दिन है. प्रचार का शोर आज शाम 6 बजे थम जाएगा. एक लोकसभा और दो विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है. तीनों क्षेत्रों में आज शाम 6 बजे तक रोड शो, रैलियां, सभा, नुक्कड़ सभा से प्रचार हो सकेगा.

सभी दलों की अपनी जीत के दावे के बीच मतदाता 5 दिसंबर को इतिहास रचेंगे.अगर मैनपुरी में सपा मुलायम की विरासत को आगे बढ़ाने में कामयाब होती है, तो ये मतदाताओं का बड़ा फैसला होगा. अगर भाजपा यहां कमल खिलाने में कामयाब हो पाती है, तो भी मतदाताओं के लिहाज से यह बेहद अहम होगा. इसी तरह रामपुर को लेकर भी प्रत्येक वोटर का फैसला बेहद अहम माना जा रहा है.

भाजपा, सपा और रालोद ने ताकत झोंकी

उपचुनाव में भाजपा, सपा और रालोद ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. नेताओं ने विरोधी दलों पर जमकर हमला बोला और अपने उम्मीदवार की जीत का दावा किया. भाजपा उपचुनाव को लेकर पहले दिन से ही आक्रामक मोड में हैं, वहीं विपक्ष की ओर से भी उस पर जमकर हमला बोला जा रहा है. प्रचार के अंतिम दिन से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी और रामपुर में चुनावी सभा कर सपा पर जमकर निशाना साधा. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मैनपुरी में डिंपल यादव की जीत के लिए सघन जनसंपर्क किया और लोगों से वोट की अपील की.

मैनपुरी में कमल खिलने का दावा

भाजपा ने यहां से रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा है. पार्टी पुरजोर कोशिश में है कि सपा के इस गढ़ को इस बार ध्वस्त किया जा सके. इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी लगातार मैनपुरी में पार्टी रणनीति को धार देते रहे. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक छोर पर मोर्चा संभाला और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की. पार्टी का दावा है कि इस बार मुलायम सिंह यादव की गैरमौजूदगी में मैनपुरी से कमल खिलेगा.

सैफई कुनबे के लिए प्रतिष्ठा की सीट है मैनपुरी

उधर लोकसभा चुनाव-2024 से पहले सपा उपचुनाव में जीत दर्ज कर एक बड़ा संदेश देना चाहती है. मैनपुरी उसके लिए प्रतिष्ठा की सीट है. इसीलिए सैफई कुनबे को एक करने के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव से सियासी संबंध सुधारने की पहल की और उनका आशीर्वाद लिया. इसके बाद से शिवपाल बहू डिंपल यादव के लिए परिवार सहित वोट मांग रहे हैं. सपा यहां मुलायम की याद दिलाकर भी जनता से भावनात्मक रिश्ते के आधार पर वोट मांग रही है. वहीं रामपुर में अपने गढ़ को बचाये रखन भी उसके लिए चुनौती है. इसी तरह खतौली में गठबंधन के जरिए वह उप चुनाव में विजय पताका फहराकर जनता में बड़ा संदेश देना चाहती है.

आजम के मैदान में नहीं होने से भाजपा को उम्मीद

सपा के अजेय किला रामपुर में वर्षों बाद पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां या उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है. भाजपा ने इस गढ़ को भेदने के लिए पार्टी प्रत्याशी आकाश सक्सेना के पक्ष में राष्ट्रवाद के मुद्दे को हवा दी है. पार्टी ने यहां बूथ प्रबंधन से लेकर मतदान केंद्र तक अपनी लंबी टीम तैनात की है. अल्पसंख्यक वोट साधने के लिए पूर्व कांग्रेस विधायक नवाब काजिम अली का समर्थन हासिल किया है.

रणनीति के साथ आजम को घेरा

इसके साथ ही रणनीति के तहत आजम के करीबियों को भी पार्टी में शामिल कराया जा चुका है. रामपुर लोकसभा उप चुनाव में परचम फहरा चुकी भाजपा का दावा है कि इस बार विधानसभा उपचुनाव में भी उसे जीत मिलेगी. सीएम योगी ने यहां सभा कर आकाश सक्सेना को जिताने की. वहीं सपा के पूर्व विधायक आजम खान पर भी हमला बोला. उधर, आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी सपा प्रत्याशी असीम रजा के समर्थन में प्रचार किया.

खतौली में जीत बरकरार रखने को भाजपा की पुरजोर कोशिश

खतौली विधानसभा सीट भाजपा के कब्जे में थी. इसलिए इस पर वह अपनी जीत बरकरार रखने की पुरजोर कोशिश में है. इसके लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है. सरकार और संगठन दोनों स्तर पर यहां पार्टी के चुनाव प्रबंधन की रणनीति के तहत कार्य किया गया. पार्टी ने यहां राष्ट्रवाद का रंग देने के लिए मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी पूर्व विधायक विक्रम सिंह की पत्नी राजकुमारी को मैदान में उतारा है. उनके मुकाबले सपा समर्थित रालोद प्रत्याशी मदन भैया मैदान में हैं.

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रालोद भाजपा से सीट छीनने की कोशिश में

रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी यहां पार्टी उम्मीदवार की जीत दर्ज कराकर पश्चिमी यूपी में दमदार वापसी करना चाह रहे हैं. उधर मदन भैया के खिलाफ भाजपा ने कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाया है. पार्टी यहां अपनी रणनीति को सधे अंदाज में आगे बढ़ा रही है. किसी भी विवाद से बचने के लिए सपाई हुए पूर्व मंत्री धर्मसिंह सैनी की दोबारा ज्वाइनिंग टाल दी है. भाजपा और रालोद दोनों ने यहां अपनी जीत के दावे किये हैं.

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