UP Chunav: यूपी में इस बार दलित वोटरों के पास है सत्ता की चाबी? 300 सीटों पर तय करेंगे हार-जीत के समीकरण

UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में करीब 21 फीसदी दलित वोटरों ने जिस पार्टी का दामन थामा, उस पार्टी का चुनाव में बेड़ा पार हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | January 26, 2022 7:46 AM
an image

UP Chunav 2022: यूपी की चुनावी बिसात सिर्फ धर्म नहीं बल्कि जातियों में भी बंटी हुई है. करीब 21% दलित वोटरों ने राज्य में जिसका साथ दिया है, सरकार उसी की बनी है. उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में करीब 300 सीटें ऐसी हैं जहां पर दलित समाज निर्णायक रोल में हैं 20 जिलों में तो 25% से ज्यादा अनुसूचित जाति-जनजाति की आबादी है. यही वजह है कि सभी पार्टियों की नजर दलित समाज पर है. दलितों को आकर्षित करने की कोशिश हर तरफ से जारी है, जिन नेताओं ने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा, उनके जुबान पर भी यही नाम है.

शह और मात के खेल में पार्टियों की रणनीति दलित समाज की सियासी ताकत के इर्दगिर्द चल रही है. 2007 में बसपा ने सबसे ज्यादा सुरक्षित सीटों पर जीत हासिल की, तो वह पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी. 2012 में सुरक्षित सीटों पर समाजवादी पार्टी का दबदबा दिखा, तो वे सत्ता में आये. वहीं, 2017 में दलित वोटरों ने भाजपा का साथ दिया, तो पार्टी ने सुरक्षित सीटों पर ऐतिहासक जीत हासिल की. अब, 2022 की चुनावी बिसात पर एक के बाद एक चाल चली जा रही हैं.

Also Read: UP Chunav 2022: OBC वोटर्स को साधने के लिए BJP ने बनाया ‘इंडोर प्लान’, हर सीट पर उतारेगी अपनी टीम
सबसे ज्यादा हिस्सेदारी ओबीसी समुदाय की, इसके बाद दलित

भारतीय लोकतंत्र में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी ओबीसी समुदाय की है. इसके बाद सबसे ज्यादा संख्या दलितों की है. माना जाता है कि दलित वोटर 22% हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा 55% के करीब जाटव हैं और 45% गैर जाटव. दलितों की कुल 66 उपजातियां हैं. इनमें से 55 का संख्या बल ज्यादा नहीं हैं. कुछ जिले दलितों के प्रभाव वाले हैं. जाटवों का प्रभाव आगरा, आजमगढ़, जौनपुर, बिजनौर, सहारनपुर, गोरखपुर, गाजीपुर में देखने को मिलता है.

  • उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण अपने पक्ष में करने की होड़, दूसरों के वोट बैंक में सेंधमारी

  • यूपी में दलित वोट बैंक पर सभी पार्टियों की नजर, 300 सीटों पर है सीधा प्रभाव

  • पिछले चुनाव में दलित वोटरों ने जम कर दिया भाजपा का साथ

Exit mobile version