UP Chunav 2022: नरैनी विधानसभा में कैसा रहा मतदान और कितनी रही वोटिंग प्रतिशत, जानें सबकुछ

UP Chunav 2022: यूपी में तीन चरणों में चुनाव हो चुके है. जिसके बाद आज चौथे चरण का मतदान हुआ. बांदा जिले में आने वाले नरैनी विधानसभा सीट पर भी चौथे चरण में मतदान हुआ. बांदा जिले में शाम पांच बजे तक 57.54 प्रतिशत मतदान हुआ. 2017 में बांदा 59.65 प्रतिशत मतदान हुआ था.

By Prabhat Khabar News Desk | February 23, 2022 6:20 PM

UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी दंगल जारी है. यहां तीन चरणों में चुनाव हो चुके है. जिसके बाद आज चौथे चरण का मतदान हुआ. बांदा जिले में आने वाले नरैनी विधानसभा सीट पर भी चौथे चरण में मतदान हुआ. बांदा जिले में शाम पांच बजे तक 57.54 प्रतिशत मतदान हुआ. 2017 में बांदा 59.65 प्रतिशत मतदान हुआ था.

नरैनी (सुरक्षित) विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में आती है. 2017 के विधानसभा चुनाव में नरैनी में कुल 45.30 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से राज करन कबीर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भारत लाल दिवाकर को 45007 वोटों के अंतर से हराया था.

दुनियाभर में प्रसिद्ध है नरैनी का कालिंजर फोर्ट

नरैनी सीट पर लंबे समय तक बसपा का कब्जा रहा है. 2012 में सपा और 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. नरैनी की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रेल सुविधाओं से वंचित है. नरैनी कालिंजर फोर्ट को लेकर दुनियाभर में प्रसिद्ध है. नरैनी विधानसभा सीट के लिए मतदान 23 फरवरी 2022 के दिन होगा और 10 मार्च को मतगणना होगी

नरैनी का सियासी इतिहास

  • 1996- बाबूलाल कुशवाहा- बसपा

  • 2002- डॉ. सुरेंद्र पाल वर्मा- बसपा

  • 2007- पुरुषोत्तम नरेश- बसपा

  • 2012- गयाचरण दिनकर- बसपा

  • 2017- राज करन कबीर- भजपा

नरैनी सीट से मौजूदा विधायक

  • 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर राज करन कबीर ने जीत दर्ज की थी.

जातिगत आंकड़े (अनुमानित)

  • नरैनी विधानसभा में लोध मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है.

  • मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी निर्णायक भूमिका है.

मतदाताओं का विवरण

  • कुल मतदाता- 338609

  • पुरुष मतदाता- 184784

  • महिला मतदाता- 153816

  • अन्य-09

नरैनी की जनता के चुनावी मुद्दे

  • सिंचाई और पेयजल समस्याएं हैं

  • गंदगी, पानी, सीवर जाम की समस्याएं हैं.

  • जर्जर सड़कों के निर्माण की कोई सुनवाई नहीं है

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