UP Chunav 2022: निघासन विधानसभा में कैसा रहा मतदान और कितनी रही वोटिंग प्रतिशत, जानें सबकुछ

UP Chunav 2022: यूपी में तीन चरणों में चुनाव हो चुके है. जिसके बाद आज चौथे चरण का मतदान हुआ. लखीमपुर जिले में आने वाले निघासन विधानसभा सीट पर भी चौथे चरण में मतदान हुआ. लखीमपुर खीरी जिले में शाम 5 बजे तक 62.42 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं 2017 में 68.47 प्रतिशत मतदान हुआ था.

By Prabhat Khabar News Desk | February 23, 2022 6:52 PM

UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी दंगल जारी है. यहां तीन चरणों में चुनाव हो चुके है. जिसके बाद आज चौथे चरण का मतदान हुआ. लखीमपुर जिले में आने वाले निघासन विधानसभा सीट पर भी चौथे चरण में मतदान हुआ. लखीमपुर खीरी जिले में शाम 5 बजे तक 62.42 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं 2017 में 68.47 प्रतिशत मतदान हुआ था.

निघासन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र लखीमपुर खीरी जिले का एक हिस्सा है. यहां यह जानना जरूरी है कि यह क्षेत्र खीरी की पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1957 में ‘डीपीएसीओ’ के बाद हुआ था 1956 में पारित किया गया था.

परिसीमन आदेश 1956 में पारित किया गया था. साल 2008 में ‘संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के आदेश का परिसीमन’ पारित होने के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र को पहचान संख्या 138 सौंपी गई थी. इस विधानसभा सीट जनसंख्या के नजरिये से देखने पर दलितों और मुस्लिमों का प्रभुत्व दिखता है. मगर साल 2017 में भाजपा के पटेल रामकुमार वर्मा ने बाजी मारते हुए यहां कमल का फूल खिलाया था. हालांकि, 2018 में उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उपचुनाव में उनके बेटे शशांक वर्मा को ही भाजपा के सिंबल पर मैदान में उतारा गया. उन्हें जीत हासिल हुई. हालांकि, इस बार का समीकरण क्या परिणाम देगा, यह देखना रोचक होगा?

निघासन विधानसभा सीट का सियासी इतिहास

  • 1996- राम कुमार वर्मा- भाजपा

  • 2002- आरएस कुशवाहा – बसपा

  • 2007-कृष्ण गोपाल पटेल – सपा

  • 2012- अजय कुमार मिश्रा – भाजपा

  • 2017- पटेल रामकुमार वर्मा – भाजपा (सितंबर 2018 में मृत्यु)

  • 2019- शशांक वर्मा – भाजपा

निघासन विधानसभा में मतदाता

  • कुल मतदाता : 327141

  • पुरुष मतदाता : 1,78,531

  • महिला मतदाता : 1,48,948

जातिगत समीकरण (अनुमानित)

इस सीट पर दलित मतदाता 1.10 लाख, पिछड़ा वर्ग 1.37 लाख और मुस्लिम 48 हजार हैं. यानी निर्णायक भूमिका में दलित और मुस्लिम समाज के लोग हैं.

निघासन विधानसभा के मुद्दे

नदी के किनारों पर बसा होने के कारण बाढ़ की समस्या यहां के लिए विकराल है. इस क्षेत्र की सड़कों का हाल बुरा हाल बुरा है. विकास कार्य यहां काफी कम बताया जाता है.

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