Agra News: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में कांग्रेस विधायक नरेश सैनी, सपा विधायक हरिओम यादव एवं पूर्व सपा विधायक धर्मपाल सिंह ने भाजपा मुख्यालय पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस बीच एत्मादपुर विधानसभा से विधायक राम प्रताप सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
प्रदेश अध्यक्ष श्री @swatantrabjp की उपस्थिति में कांग्रेस विधायक श्री नरेश सैनी, सपा विधायक श्री हरिओम यादव एवं पूर्व सपा विधायक श्री धर्मपाल सिंह ने भाजपा मुख्यालय पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।#BJP4UP pic.twitter.com/LwCCM2xIHs
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) January 12, 2022
दरअसल, पूर्व सपा विधायक श्री धर्मपाल सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद एत्मादपुर विधानसभा से विधायक राम प्रताप सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि इसी विधानसभा से सपा के प्रत्याशी धर्मपाल सिंह भी हैं. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि एत्मादपुर विधानसभा से राम प्रताप सिंह चौहान की टिकट काटकर डॉक्टर धर्मपाल को लड़ाया जा सकता है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल रही थी कि आगरा की विधानसभा एत्मादपुर से भाजपा के विधायक राम प्रताप सिंह चौहान की टिकट कट सकती है, और इस जगह सपा के प्रत्याशी डॉक्टर धर्मपाल को काबिज किया जा सकता है. आचार संहिता लागू होने के बाद इन चर्चाओं में और तेजी आ गई.
डॉक्टर धर्मपाल सिंह को बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा पार्टी ज्वाइन करा दी गई है, और उन्हें एत्मादपुर विधानसभा से बीजेपी अपना प्रत्याशी बना सकती है. जिले के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रीय विधायक राम प्रताप सिंह चौहान को लगातार फोन करना शुरू कर दिया. हर व्यक्ति उनसे बस यही पूछ रहा था कि क्या यह बात सही है या सिर्फ एक कोरी अफवाह है. लेकिन क्षेत्रीय विधायक ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और लोगों को इंतजार करने को कहा.
क्षेत्रीय विधायक राम प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि अब दूसरे प्रत्याशी का पार्टी में ज्वाइन होना अफवाह नहीं रहा यह सच्चाई है. वहीं उन्होंने बताया कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने संगठन में सेवा की है. लगातार उन्होंने संगठन को मजबूती प्रदान की है. डॉक्टर धर्मपाल का नाम लिए बिना ही उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में अभी करीब 50000 वोटों से उन्होंने प्रत्याशी को शिकस्त दिलाई थी.
उन्होंने कहा कि, लगातार क्षेत्र में विकास कर रहे हैं और भ्रष्टाचार से भी दूर हैं. ऐसे में संगठन द्वारा लिए गए निर्णय पर उन्हें सोचने को मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा अभी हम अपने समर्थकों से बात कर रहे हैं और देखते हैं कि आगे क्या निर्णय लेना है.
रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत