Lucknow News: एक बड़ा ही रोचक आंकड़ा सामने आया है. पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कम प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक, इसकी बड़ी वजह कोविड है. दरअसल, नामांकन पत्रों की समीक्षा के बाद की स्थिति देखें तो पिछली बार यानी साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में 132 प्रत्याशी मैदान में बचे थे. उसके मुकाबले इस बार 115 प्रत्याशी मैदान में हैं. नाम वापसी के बाद यह संख्या और कम हो सकती है.
जानकारी के मुताबिक, पिछले चुनावों में 66 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हुए थे. इस बार 53 के नामांकन खारिज हुए हैं. पिछले चुनाव से तुलना करें तो लखनऊ नौ विधानसभा सीट के लिए तब 198 नामांकन हुए थे. उसके मुकाबले इस बार नामांकन 168 हुए जिनमें से बड़ी संख्या में गलतियों के कारण खारिज हो गए. नामांकन के लिए कम उम्मीदवारों के आने के पीछे कोविड महामारी को बड़ा कारण माना जा रहा है. कोरोना काल के बाद से चीजें बहुत बदल गई हैं. मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे दिशा निर्देशों का मानना पड़ रहा है. इन कारणों की वजह से प्रत्याशियों के उत्साह में कमी आई है. साथ ही यह भी अनुमान है कि इस चुनाव की घोषणा के साथ ही रैली, नुक्कड़ सभाओं पर रोक के कारण भी कई उम्मीदवार मैदान में उतरे ही नहीं.
उधर, विधान परिषद सदस्य की स्थानीय निकाय सीटों के लिए नामांकन के दूसरे दिन भी किसी प्रत्याशी ने पर्चा नहीं भरा. शनिवार को चार भाजपा प्रत्याशियों समेत 16 लोग नामांकन पत्र ले गए. बता दें कि कलेक्ट्रेट परिसर कक्ष संख्या 46 में विधान परिषद द्विवार्षिक निर्वाचन-2022 के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है. एमएलसी नामांकन 11 फरवरी तक चलेगा. लखनऊ एवं उन्नाव में स्थानीय निकाय के कुल 4019 मतदाता हैं. लखनऊ में 1374 और उन्नाव में 2645 मतदाता हैं.